धर्म मर्यादा स्थापना के लिए परस्पर विश्वास जरूरी

भास्कर न्यूज | जालंधर गुरु गोबिंद सिंह ऐवन्यू स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में शुक्रवार से श्रीराम कथा की शुरुआत हुई। दिल्ली स्थित अक्षरधाम से पधारे विद्वान संत पूज्य मुनिवत्सल दास स्वामी ने पहले दिन भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के जीवन तथा रामायण से समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए आदर्श स्थापित होते हैं। उन्होंने उपस्थित भक्त समुदाय से कहा कि समाज के चरित्र को गढ़ने एवं धर्म मर्यादा की स्थापना के लिए समाज में परस्पर विश्वास का होना आवश्यक होता है। इस विश्वास की पुष्टि के लिए विभिन्न काल में भगवान अवतार धारण करते हैं। समाज के आदर्श चरित्र निर्माण की पुष्टि के लिए मात्र उपदेश का माध्यम पर्याप्त नहीं होता। इसके लिए भगवान स्वयं पृथ्वी पर मानव शरीर धारण करके मनुष्य लीला करते हैं और अपने जीवन में आदर्शों का पालन कर समाज में इन मूल्यों की स्थापना करते हैं। स्वामीजी ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज कहते थे कि चरित्रवान बनो और चरित्रवान समाज का निर्माण करो। चरित्र से ही समाज अपने परम लक्ष्य तक पहुंच सकता है। वर्तमान में परम पूज्य महंत स्वामी महाराज भी इन्हीं मूल्यों को स्थापित करने के लिए समाज को प्रेरित कर रहे हैं। अक्षरधाम मंदिर के निकट के क्षेत्र, शहर के अन्य क्षेत्रों और निकटवर्ती शहरों के प्रमुख नागरिकों ने बड़ी संख्या में कथा का लाभ प्राप्त किया। आयोजकों ने कहा कि कथा का समय प्रतिदिन संध्या 7:30 से 9:30 बजे का है।

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