बस्तर में अटका मानसून, इसलिए बारिश नहीं:राजधानी में 3 दिन पारा चढ़ेगा अन्य 10 जिलों में बारिश संभव

राजधानी रायपुर समेत प्रदेश में शुक्रवार को तापमान में वृद्धि हुई। हालांकि फिर भी पारा सामान्य से काफी नीचे रहा। वजह- छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून तय तारीख 10 जून से करीब 12 दिन पहले 28 मई को ही बस्तर से होकर प्रवेश कर चुका है। फिर प्रदेश के बड़े हिस्से में खूब बारिश हुई। उसके बाद मानसूनी गतिविधियों में अचानक ब्रेक लग गया। बीते 4-5 दिनों से मौसम शुष्क और सामान्य हो गया और पारा भी चढ़ने लगा। शुक्रवार को तेज धूप चुभने लगी। वैसे रायपुर में मानसून 12 जून के आसपास पहुंचता है। अभी 6 दिन शेष हैं। वैसे मानसून के आगे बढ़ने के लिए फिलहाल बहुत अनुकूल परिस्थितियां नहीं बन पाई हैं। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम और अरब सागर से आने वाली हवा में तीव्रता होने पर ही मानसून आगे बढ़ेगा। रायपुर में मानसून पहुंचने के लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ सकता है। रायपुर में 3 दिन पारा चढ़ेगा। इसके साथ 10 जिलों में बारिश के आसार हैं।
समुद्र में मानसूनी गतिविधियों के जल्द सक्रिय होने और अल-नीनो प्रभाव के कारण इस साल 24 मई को ही मानसून केरल पहुंच गया। इसकी सामान्य तारीख 1 जून है। यानी करीब 8 दिन पहले मानसून की केरल में दस्तक हो गई। इसका फायदा बस्तर को भी मिला। यह छत्तीसगढ़ के लिए अच्छा संकेत रहा। हालांकि मानसूनी गतिविधियों में हर बार वेरिएबिलिटी देखी जाती है। जरूरी नहीं कि दक्षिण भारत में मानसून जल्द आया तो मध्य और उत्तरी भारत में भी यह जल्दी पहुंच जाएगा। दक्षिण से उत्तर तक पहुंचने में मानसून को एक लंबा सफर तय करना पड़ता है। अनुकूल हालात रहे, इसलिए मानसून तेजी से बढ़ा: मानसून के आगे बढ़ने के लिए समुद्र में लगातार बड़े सिस्टम बनने चाहिए। 24 से 28 मई के बीच बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में लगातार सिस्टम बने। उत्तर भारत में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ भी निर्मित हुए। ये विक्षोभ समुद्री हवा को अपनी ओर खींचते हैं। समुद्र में बने सिस्टम नम हवा को आगे ढकेलते हैं। इस तरह मानसूनी हवा आगे बढ़ती है। फिलहाल कुछ दिनों तक समुद्र में मजबूत सिस्टम नहीं बन रहे थे। इस वजह से मानसून ठिठक गया। आगे क्या… फिर तैयार हो रहीं मानसूनी गतिविधियां रायपुर में अगले दो से तीन तक पारा चढ़ेगा और यह 42​ डिग्री तक पहुंच सकता है। हालां​कि अच्छी बात ये है कि इस दौरान बस्तर,गरियाबंद और धमतरी समेत 10 जिलों में बारिश के भी आसार हैं। एक और अच्छी बात ये है कि अब फिर से मानसूनी गतिविधियां तैयार होने लगी हैं। मानसून की उत्तरी सीमा अभी मुंबई, अहिल्या नगर, आदिलाबाद, भवानीपट्टनम, पुरी, सैंडहुड द्वीप, बालुरघाट से होकर गुजर रही है। इससे प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

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