इंदौर भारतीय जनता पार्टी की मंडल की नई टीम का ऐलान होना शुरू हो चुका है। इंदौर ग्रामीण के 16 मंडल अध्यक्ष की सूची भोपाल से जारी हो गई है। इंदौर महानगर के मंडल की सूची के नाम भी देर रात तक घोषित किए जा सकते हैं। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इंदौर महानगर की सूची तैयार है, बस विधानसभा 2, 4 और 5 के कुछ मंडल में पेंच फंसा हुआ है। इस कारण सूची जारी होने में समय लग रहा है। इंदौर ग्रामीण के 16 मंडल अध्यक्ष की सूची हर विधानसभा में कुछ न कुछ कारण से मंडल अध्यक्षों की पैनल बनाने में परेशानी कल इंदौर शहर के सभी 36 मंडलों के नामों की रायशुमारी पूरी हो गई। इनमें 6 नए, तो 28 पुराने हैं। आखिरी रायशुमारी रात 9 बजे तक 2 नंबर विधानसभा की चली। इसके बाद सभी पैक लिफाफों को लेकर प्रदेश महामंत्री और चुनाव प्रभारी रणवीरसिंह रावत, सहप्रभारी घनश्याम शेर, उमाशशि शर्मा के बीच भाजपा कार्यालय में ही चर्चा चलती रही। वैसे संगठन ने निर्देश दिए हैं कि इस बार विधायकों के किसी समर्थक को मंडल अध्यक्ष नहीं बनाना है, लेकिन सूत्रों के अनुसार औपचारिकता के चलते विधायकों से भी रायशुमारी में आए नामों के पैनल के बारे में राय ली गई है। सांसद और बड़े जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र में बनाए जा रहे मंडल अध्यक्षों की जानकारी मांगी है। इस बार हर विधानसभा में कुछ न कुछ कारण से मंडल अध्यक्षों की पैनल बनाने में परेशानी आई है। अभी बनने वाली मंडल की टीम आगामी चुनावों में खास भूमिका निभाएगी, इसलिए भी कई बड़े नेता अपने समर्थकों के नाम मंडल में जुड़वाने में लगे हुए हैं। भाजपा कार्यालय पर चुनावी टोली अंतिम सूची तैयार करने में लगी है और दावा किया जा रहा है कि इसी सूची पर मंजूरी हुई तो भोपाल से सहमति के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा। अगर नामों में कुछ पेंच फंसता भी है तो इसे होल्ड कर दिया जाएगा। अभी तक जारी सूची में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण का पालन नहीं कल रात एक के बाद एक उज्जैन, नीमच, मंडल, शाजापुर और देवास जिले के मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की गई। इस बार संगठन ने निर्देश दिए थे कि 33 प्रतिशत महिलाओं को मंडल अध्यक्ष बनाया जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कई निकायों में महिला अध्यक्ष नहीं मिली। केवल नीमच जिले के एक मंडल में पूजा शर्मा नाम की कार्यकर्ता को मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया है। बाकी जिलों में पुरुषों को ही प्राथमिकता दी गई। अब इंदौर जैसे जिले में कितनी महिला अध्यक्ष मिलती हैं, यह गौरतलब होगा। कई विधानसभाओं में आई परेशानी बताया जा रहा है कि एक नंबर विधानसभा में सभी मंडल अध्यक्ष बदले जा रहे हैं। कुछ पुराने अध्यक्षों ने पद पर बने रहने की इच्छा जताई थी, लेकिन संगठन ने नामंजूर कर दिया। दो नंबर के एक मंडल में कल रायशुमारी के पहले घमासान चला। एक नाम के विरोध के चलते शिकवा-शिकायतें होती रहीं। तीन नंबर में भी एक दो नाम रिपीट हो सकते हैं और दो मंडल में नए नाम आ सकते हैं। चार नंबर में पूर्व मंडल अध्यक्ष सचिन जैसवानी ने रायशुमारी में नहीं बुलाने की शिकायत की। जैसवानी और गौड़ परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा है। पांच नंबर में सभी के बदलने के आसार हैं तो राऊ में भी लगभग यही स्थिति है।