सीएम साय ने पीएम मोदी से बोधघाट को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने पर चर्चा की

सीएम साय ने पीएम मोदी से बोधघाट को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने पर चर्चा की 46 साल बाद फिर से एक बार बोधघाट परियोजना की फाइल पर सरकारी स्तर पर काम शुरू हो गया है। लेकिन, लंबे अंतराल के बाद शुरू होने जा रही इस परियोजना के उद्देश्य में बड़ा बदलाव सामने आया है। पहले जहां 500 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए यह परियोजना शुरू की गई थी। वहीं, अब इससे 125 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ ही मत्स्य उत्पादन, रोजगार और 3.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा और पेयजल की जरूरतों को भी पूरा करने का लक्ष्य है। बोधघाट से तीन जिलों के 269 गांवों को लाभ होगा।दरअसल, नई दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती- महानदी इंटरलिंकिंग प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने को लेकर विस्तार से चर्चा की। सीएम साय ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है। इसी वजह से संभाग सिंचाई साधनों के विकास में पिछड़ गया है। राज्य सरकार, बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती- महानदी लिंक परियोजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना लंबे समय से इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है। गोदावरी जल विवाद अभिकरण के वर्ष 1980 के अवॉर्ड में भी अन्य योजनाओं के साथ इसका उल्लेख है। इस अवॉर्ड में उल्लेखित अन्य परियोजनाओं का क्रियान्वयन दूसरे राज्यों द्वारा किया जा चुका है परंतु दूरस्थ अंचल में होने एवं नक्सल समस्या के कारण इस परियोजना को शुरू नहीं किया जा सका। बस्तर को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने में दोनों परियोजना महत्वपूर्ण साबित होगी।
बोधघाट से तीन जिलों के 269 गांवों को होगा लाभ
बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना, गोदावरी की सहायक इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है। राज्य में इंद्रावती नदी 264 किमी में प्रवाहित होती है। परियोजना दंतेवाड़ा जिले के गीदम विकासखंड के बारसूर गांव से लगभग 8 किमी और जगदलपुर शहर से लगभग 100 किमी दूरी पर प्रस्तावित है। इससे दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिले के 269 गांवों को लाभ होगा।
पिछली सरकार में बदल गया था बोधघाट का उद्देश्य: साल 1979- परियोजना से 500 मेगावाट बिजली उत्पादन लक्ष्य।
साल 2020- कांग्रेस सरकार में सिंचाई पहली प्राथमिकता। बस्तर संभाग के 4 जिलों में 700 किमी नहर निर्माण। इससे 66 प्रतिशत कृषि रकबा बढ़ने का था अनुमान।
दोनों परियोजनाओं पर 49 हजार करोड़ होंगे खर्च: – दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49 हजार करोड़ रुपए
– इंद्रावती- महानदी लिंक परियोजना की लागत- 20 हजार करोड़
– बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना की लागत- 29 हजार करोड़
सिंचाई के साथ रोजगार भी

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *