संस्था अहिसास,अमरावती की शाखा इंदौर का आयोजन:जातिवाद, धर्मवाद राष्ट्र की अस्मिता को घुन लगा रहा है… विषय पर ऑनलाइन ऑडियो गोष्ठी

संस्था अहिसास,अमरावती की शाखा इंदौर की 87वीं ऑनलाइन ऑडियो गोष्ठी “जातिवाद, धर्मवाद राष्ट्र की अस्मिता को घुन लगा रहा है” आयोजित की गई। इसमें भारत और नेपाल तक के 35 साहित्यकारों ने स्वरचित कविताएं सुनाकर काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयां प्रदान की। डॉ. जीवन एस. रजक मध्यप्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (संयुक्त कलेक्टर) भारतीय संस्कृति, दर्शन, धर्म के अध्येता, चिंतक एवं विचारक हैं। उनका सतत् लेखन सामाजिक, समसामयिक विषयों सहित राष्ट्र धर्म एवं संस्कृति लगातार जारी है। ऐसे प्रदेश के वरिष्ठतम अधिकारी के मुख्य आतिथ्य में गोष्ठी आयोजित की गई। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. बनवारीलाल जाजोदिया, यथार्थ ने देश के वर्तमान माहौल पर गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में देश के कलमकारों का आह्वान किया कि पूरा देश जातिवाद और धर्मवाद के नाम पर बंटता जा रहा है। कट्टरवाद देश की अस्मिता को घुन लगाकर तहस-नहस करने पर आमादा है। उन्हें सबक सिखाने का काम साहित्यकार की कलम ही कर सकती है। जिस धरती पर जन्म लिया, जिसकी हवा पानी में सांस ले रहे हो, रोजी रोटी कमा रहे हो, उस मातृभूमि को विश्व के सामने शर्मसार करने पर आमादा हो, उन्हें धिक्कार है। विश्व गुरु की राह में रोड़े अटकाने वालों, आने वाला कल शक्तिशाली और बल शाली है, यह तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा। मां सरस्वती की स्थापना कर, अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया। माल्यार्पण कर वंदना गाई आशा जाखड़ ने। स्वागत गीत गाया शोभा रानी तिवारी जी ने। संचालन किया वरिष्ठ साहित्यकार राजकुमार हांडा ने और आभार माना वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश दवे (नागदा) ने। इस विशिष्ट कार्यक्रम में रचना पाठ किया मीना अग्रवाल, संतोष तोषनीवाल, शेषनारायण चौहान, बैंगलोर राजकुमार हांडा, डॉ. राज गोस्वामी दतिया, डॉ.अनुराग खरे, मुंबई महेंद्र शर्मा, रशीद अहमद शेख, सोनल शर्मा सीकर, डॉ. विजय लक्ष्मी अन्नू आगरा, जयप्रकाश अग्रवाल काठमांडू नेपाल, डॉ. रामस्वरूप साहू कल्याण, डॉ. जीवन एस रजक भोपाल, शिरोमणि माथुर छत्तीसगढ़, बरखा बंसल, भरतपुर, दिनेश दवे, प्रो. शुभकुमार वर्णवाल, डॉ. बनवारी जाजोदिया, निर्मल सिंघल, राजेश रामनगीना, डॉ. सुदेश भाटिया दिल्ली, अशोक द्विवेदी, धर्मयास जी इंडोनेशिया, अनिल वर्मा अलीगढ़। राष्ट्र गान के साथ काव्य गोष्ठी समाप्ति हुई।

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