छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में महुआ शराब बनाने और बेचने वाले एक परिवार ने 50 लाख की संपत्ति बना ली है। पुलिस ने संगठित रूप से अवैध कारोबार करने वले परिवार की दो मंजिला मकान, प्लाट, कार-बाइक को जब्त कर ली है। छत्तीसगढ़ में पहली बार आबकारी के केस में पुलिस ने नए कानून की धारा 107 बीएनएस का प्रयोग करते हुए यह कार्रवाई की है। एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि कोनी थाना क्षेत्र के ग्राम जलसो-सेमरताल में पुलिस ने संतोष वर्मा व उसकी पत्नी देवी बाई वर्मा और बेटा राहुल वर्मा को महुआ शराब बनाते और बेचते पकड़ा था। मामले में आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। इससे पहले भी उनके खिलाफ पुलिस कई बार आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई कर चुकी है। इसके बाद भी तीनों को अवैध शराब बनाने व बेचने का काम बंद नहीं कर रहे थे। उनके आचरण में कोई सुधार नहीं होता देख एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल के मार्गदर्शन में कोतवाली सीएसपी अक्षय साभद्रा और कोनी टीआई राहुल तिवारी ने उनकी संपत्ति की जांच शुरू की। अवैध शराब बेचने के 10 से अधिक केस दर्ज
पुलिस अफसरों ने बताया कि आरोपी संतोष वर्मा, उसकी पत्नी देवी बाई वर्मा और बड़े बेटे राहुल वर्मा के खिलाफ कोनी थाने में आबकारी एक्ट के 10 से अधिक केस दर्ज हैं। इतना ही नहीं उसके पिता पर अलग से दो मारपीट और बेटे के खिलाफ 4 मामले दर्ज हैं। बता दें कि आरोपी संतोष वर्मा को अवैध शराब बेचने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो अभी भी जेल में बंद है। बेटे और पत्नी के नाम पर नहीं मिली कोई संपत्ति
पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों के नाम पर दर्ज संपत्ति की जांच कराई। लेकिन, आरोपी का सहयोग करने वाली पत्नी देवीबाई वर्मा व उसके बेटे राहुल वर्मा के नाम पर कोई संपत्ति नहीं मिली। संतोष ने पूरी संपत्ति सिर्फ खुद के नाम पर खरीदी थी। जांच में भी यह पता चला कि परिवार के पास अवैध शराब के धंधे के अलावा और कोई आय का साधन नहीं है। आरोपी के नाम पर मिली 50 लाख की संपत्ति
जांच के बाद पुलिस को आरोपी संतोष के नाम पर प्लॉट, दो मंजिला मकान, कार, ट्रैक्टर, बाइक और स्कूटी समेत 50 लाख रुपए की संपत्ति मिली है। चूंकि, परिवार के पास शराब के अवैध कारोबार को छोड़कर आय का कोई वैध स्रोत नहीं था, इसलिए पुलिस ने पूरी संपत्ति जब्त कर प्रकरण सक्षम न्यायालय को भेजा है। एसएसपी ने कहा- प्रदेश में इस तरह की पहली कार्रवाई
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त संगठित अपराधियों के विरुद्ध यह राज्य की पहली कार्रवाई है। निश्चित तौर से इस कार्रवाई के बाद शराब का अवैध निर्माण व व्यापार करने वालों को सबक मिलेगा। आम लोगों में भी कानून के प्रति विश्वास बढ़ेगा। शराब के अवैध कमाई से जुटाई ये संपत्ति
गांव में एक प्लाट – 12 लाख रुपए।
दो मंजिला मकान – 10 लाख रुपए।
एक ट्रैक्टर – 7 लाख रुपए।
एक स्विफ्ट कार – 7 लाख रुपए।
दो मोटरसाइकिल – 2 लाख रुपए।
अन्य संपत्ति – 12 लाख रुपए।