झारखंड कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (जेसीपीडीए) ने जीएसटी की कुछ विसंगतियों में संशोधन की मांग की है। कहा है कि जीएसटी संग्रह का 75% उपभोक्ताओं के रोजमर्रा की वस्तुओं से एकत्र किया जाता है। जेसीपीडीए ने जीएसटी काउंसिल की 22 दिसंबर को हुई बैठक में कई मांग की थी, लेकिन काउंसिल ने उन पर विचार नहीं किया। जेसीपीडीए अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर अमल करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि बैठक में एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर जीएसटी दर 18 से घटाकर 12% कर दिया जाएगा। काउंसिल अगर यह निर्णय लेती है तो इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। उन्हें महंगाई से बड़ी राहत मिलेगी। जेसीपीडीए का कहना है कि वर्तमान जीएसटी सिस्टम में कुछ विसंगतियां भी हैं। ई-इनवॉयसिंग लागू होने के बाद भी डीलरों को ई-वे बिल बनाने की बाध्यता है। ई-वे-बिल की बाध्यता खत्म होनी चाहिए।