31 जनवरी तक खरीदी चुनौती, 60407 किसान एक बार भी बेच नहीं पाए धान

भास्कर न्यूज | बालोद जिले के 143 केंद्रों मंे 14 नवंबर से 24 दिसंबर तक 42 लाख 26 हजार 398.80 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जिसमें 14 लाख 46 हजार 130.80 क्विंटल मोटा, 13 लाख 85 हजार 715.60 क्विंटल पतला और 13 लाख 94 हजार 552.40 क्विंटल सरना धान शामिल है। जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक की रिपोर्ट के अनुसार अब तक जिले के 93 हजार 831 किसान धान बेच चुके हैं। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुल 1 लाख 54 हजार 238 किसानों ने पंजीयन कराया है। इस लिहाज से अब तक 60 हजार 407 किसानों से धान खरीदना बाकी है। इस सीजन धान खरीदी का अनुमानित लक्ष्य 82 लाख 66 हजार 170 क्विंटल है। इस लिहाज से 37 दिनों में 40 लाख 39 हजार क्विंटल धान खरीदी होने के बाद ही लक्ष्य पूरा हो पाएगा। दावा किया जा रहा है कि जल्द सभी किसानों को टोकन जारी कर धान खरीदी की जाएगी। हालांकि सेवा सहकारी समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि परिवहन की धीमी गति के बीच आगे निर्धारित समय पर सभी किसानों से धान खरीदी करना चुनौती बनी हुई है। गौरतलब है कि इस सीजन सभी केंद्रों से धान का उठाव खरीदी शुरू होने के 15-20 दिन बाद हुआ है। कनेरी मंे 62% , सिंगारपुर मंे सिर्फ 3% उठाव हुआ कनेरी केंद्र में 29 हजार 548 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है। जिसमें 62.25% यानी 18 हजार 394 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है। वहीं सिंगारपुर केंद्र में 19 हजार 784 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है। जिसमें सिर्फ 3.23% उठाव हो पाया है। मेड़की केंद्र में 24089 क्विंटल में से 10184 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है। डीएमओ सौरभ भारद्वाज का कहना है कि जिले के सभी 143 केंद्रों में धान का उठाव हो रहा है। परिस्थिति अनुसार कहीं कम तो कहीं ज्यादा मात्रा में उठाव हो रहा है। आगे ज्यादा मात्रा मंे धान उठाव के लिए डीओ, टीओ जारी करेंगे। मिर्रीटोला मंे सर्वाधिक 63 हजार 140 क्विंटल खरीदी मिर्रीटोला केंद्र में 63 हजार 140 क्विंटल, कुसुमकसा में 61 हजार 198 क्विंटल, गैंजी में 58 हजार 318 क्विंटल, अछोली में 52 हजार 527 क्विंटल, गुरूर में 54 हजार 574 क्विंटल, डौंडी में 53 हजार 708 क्विंटल, धनोरा में 52 हजार 912 क्विंटल, पलारी मंे 55 हजार 99 क्विंटल, सुरेगांव मंे 53 हजार 866 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है। जिले के 15 केंद्र ऐसे है, जहां 40 हजार क्विंटल से ज्यादा धान खरीदी हो चुकी है। कई केंद्र ऐसे है, जहां अब तक की स्थिति में 50 हजार से ज्यादा क्विंटल धान खरीदी हो जाती उठाव नहीं होने से धान रखने जगह नहीं हैं।

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