राज्य शासन ने प्रदेश में पहली बार जल संसाधन विभाग के ईएनसी और सीई के प्रशासकीय और वित्तीय अधिकार विभाग के सचिव आईएएस जॉन किंगस्ले को सौंपें हैं। जब तक विभाग में ईएनसी के प्रभार किसी अन्य एसई स्तर के अधिकारी को नहीं सौंपा जाता, तब तक किंग्सले ही ईएनसी की भूमिका में रहेंगे। गौरतलब है कि ईएनसी राज्य इंजीनियरिंग सेवा का पद है, जो जल संसाधन विभाग का प्रशासनिक मुखिया होता है। विभाग में पिछले छह दिन से कोई ईएनसी और सीई नहीं हैं। 20 दिसंबर को हाईकोर्ट के आदेश के बाद संविदा एसई शिरीष मिश्रा को ईएनसी और सीई दोनों के चार्ज से मुक्त कर दिया गया है। इस पद के लिए विभाग की फीडर सेवा में एसई स्तर के पांच सीनियर अधिकारी मौजूद हैं। इनमें इंदौर एनवीडीए की प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे सरमन सिंह, धन्नालाल वर्मा, हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले एसई रिसर्च विंग जोश सिंह कुशरे, विनोद टेकाम और इंदौर के एसई विनोद देवड़ा के नाम शामिल हैं। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए इन्हें में से किसी एक को ईएनसी का चार्ज दिया जा सकता है। लेकिन अब भी तक इस बारे में कोई निर्णय शासन नहीं ले पाया है।