सरायकेला | आदित्यपुर, गम्हरिया, पाेटका, पटमदा व चांडिल में शनिवार को शनिवार को मां विपदतारिणी की पूजा श्रद्धा और उल्लास के साथ हुई। सुबह से ही महिलाओं ने निर्जला उपवास रख विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना कर परिवार को हर तरह की संकट से मुक्त रखने की कामना की। बड़ा गम्हरिया बोलतल दुर्गा मंदिर में पूजारी ने व्रतियों की भोग थालियों की पूजा-पाठ की। इस पूजा में 13 प्रकार के फल, 13 प्रकार के फूल, 13 प्रकार के मिष्टान मां को अर्पित की। व्रतियों ने एक दूसरे को सिंदूर लगा अखंड सौभाग्य की कामना की। वहीं, पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्यों के कलाई या बांह में दुर्वा घास युक्त लाल रंग का धागा (रक्षासूत्र) बांधा गया। धागे पर भी 13 गांठ लगाए जाते हैं। मान्यता है कि लाल रंग के धागे बांधने कोई संकट नहीं आता है। इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सुहाग की कामना की।