झोपड़ी में थाना, भींग रहीं फाइलें, नए भवन के उद्घाटन के लिए साहब का इंतजार

राजधानी में नगड़ी, चान्हो, खलारी और दशम फॉल ऐसे थाने हैं, जहां पीड़ित तो क्या थानेदार समेत वहां काम करने वाले अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी सही से बैठने की व्यवस्था नहीं है। क्योंकि दो कमरों की झोपड़ी में थाना चल रहा है। बारिश के मौसम में थाना परिसर पूरी तरह से बेहाल हो गया है। छत से पानी टपक रहा है। रिकॉर्ड रूम में रखी फाइलें बर्बाद हो रही हैं। शिकायत दर्ज कराने पहुंचे पीड़ित के बैठने के लिए भी थाना परिसर में उचित व्यवस्था नहीं है। न तो पदाधिकारी के बैठने की सही व्यवस्था है और न ही कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए जगह है। थानेदार व मुंशी भी किसी तरह एडजस्ट कर ड्यूटी कर रहे हैं। वरीय अधिकारी इन परेशानियों से पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं। जबकि जर्जर भवन में संचालित हो रहे कई थानों का अपना भवन 2-2 करोड़ की लागत से बनकर तैयार है। कुछ थाना भवनों को ठेकेदार ने हैंडओवर भी कर दिया है। इसके बावजूद नए थाना भवनों का उद्घाटन नहीं किया जा रहा है। करोड़ों की लागत से तैयार नए थाना भवनों को उद्घाटन के लिए पिछले कई महीने से साहब का इंतजार है। दैनिक भास्कर ने रविवार को राजधानी के जर्जर थानों की पड़ताल की तो पता चला कि कई के भवन बनकर तैयार हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर पुलिसकर्मियों ने बताया कि उद्घाटन के लिए बड़े साहब से संपर्क किया गया है। उनके पास समय नहीं है, जिससे उद्घाटन नहीं हो पा रहा है। झोपड़ी में चल रहे 4 थानों का हाल पुराना भवन: काफी जर्जर। केवल दो कमरों में चल रहा थाना। टपकते पानी से पुलिसकर्मी परेशान। महिला पुलिसकर्मी व फरियादी को सबसे ज्यादा परेशानी, शौचालय तक नहीं एसबेस्टस शीट वाले दो कमरे में संचालित किए जा रहे थानों का हाल कितना ज्यादा खराब है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहां तैनात महिला पुलिसकर्मियों के अलावा फरियाद लेकर पहुंची महिलाओं व युवतियों को टॉयलेट जाने तक की सही व्यवस्था नहीं है। शिकायत करने थाना पहुंचीं महिलाओं को टॉयलेट जाने के लिए सोचना पड़ता है। वहीं ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी इसे लेकर कई बार असहज महसूस करती हैं। वह अपनी परेशानी किसी को बता भी नहीं पातीं। इंस्पेक्शन के बाद किया जाएगा उद्घाटन खलारी थाना चान्हो थाना दशम फॉल थाना नगड़ी थाना नया भवन : बनकर तैयार। अभी हैंडओवर ​नहीं किया गया है। लागत : 1.25 करोड़ रु. उद‌्घाटन क्यों नहीं : उपस्करों की आपूर्ति होते ही संभवत: दो माह में उद्घाटन हो जाएगा। नए भवन : लगभग 18 महीना पहले हैंडआेवर। लागत : 1.25 करोड़ रु. उद‌्घाटन क्यों नहीं : थानेदार उद्घाटन के लिए वरीय अधिकारी से कर चुके हैं संपर्क। साहब के पास समय नहीं। नए भवन : ठेकेदार 3 महीने पहले कर चुका है हैंडआेवर। लागत : एक करोड़ रु. उद‌्घाटन क्यों नहीं : वरीय अधिकारी से मिल चुके हैं थानेदार, उद्घाटन का मिला है आश्वासन। पुराना भवन : एसीसी कंपनी द्वारा ही 74 साल पहले उपलब्ध कराया गया था भवन। काफी जर्जर हो चुका है। पुराना भवन: जर्जर है, चारों तरफ दीवार में हो रहा सीपेज। छत से टपकता है पानी। रिकॉर्ड रूम में फाइलें हो रहीं खराब। पुराना भवन : काफी जर्जर। एसबेस्टस शीट वाले 2 कमरे में चल रहा थाना। कमरे में टपकते पानी से फाइलें हो रहीं बर्बाद। नए भवन : पूरी तरह बनकर तैयार। लागत : 1.35 करोड़ रु. उद‌्घाटन क्यों नहीं : साहब के पास समय नहीं। बाउंड्री का काम पूरा नहीं होने का बनाया जा रहा बहाना।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *