रबी सीजन की प्रमुख अवधि नवंबर – दिसंबर में मालवा – निमाड़ अंचल में बिजली की मांग उच्च स्तर पर बनी हुई है। दिसंबर के पहले सप्ताह में बिजली की मांग 7250 मेगावाट से ज्यादा रही। यह पिछले साल से आंशिक रूप से ज्यादा है। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि मांग के अनुसार बिजली आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि मांग के मुताबिक ही सबसे ज्यादा आपूर्ति इंदौर, धार, देवास, उज्जैन, खरगोन जिलों में हो रही है। इन जिलों में दैनिक आपूर्ति 1 करोड़ यूनिट से लेकर 1.70 करोड़ यूनिट तक है। अन्य जिलों में 35 लाख यूनिट से 80 लाख यूनिट तक है। कंपनी क्षेत्र में 1 नवंबर से 12 दिसंबर तक 42 दिन में 475 करोड़ यूनिट से ज्यादा बिजली आपूर्ति हो चुकी है। यह पिछले साल समान अवधि से ज्यादा है। पिछले चौबीस घंटे के दौरान 11.75 करोड़ यूनिट की आपूर्ति की गई। प्रबंध निदेशक ने बताया कि मुख्यालय पर कार्यपालक निदेशक स्तर के अधिकारी और जिलों में अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी आपूर्ति संबंधी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। शनिवार, 14 दिसंबर को इस साल की अंतिम लोक अदालत होना है। इसकी मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से प्रभावी तैयारी की गई है। मुख्य सतर्कता अधिकारी कामेश श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत की मुख्यालय की ओर से आयोजित प्रभावी तैयारी कर छूट के संबंध में नोटिस दिए गए हैं। इंदौर, उज्जैन, धार, देवास, रतलाम जिलों में सर्वाधिक नोटिस दिए गए हैं, इन जिलों में हजारों नोटिसों का वितरण कर समझौते के लिए ऊर्जा विभाग के आदेशानुसार अपील की गई है। इस लोक अदालत में 50 हजार रुपए तक के सिविल दायित्व के प्रकरणों में समझौता हो सकेगा। मुख्य सतर्कता अधिकारी ने बताया कि लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों का समझौता होगा। प्री लिटिगेशन के निम्नदाब श्रेणी के पात्र घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट मिलेगी। प्री लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट देंगे। इसी तरह लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व, अपराध शमन राशि एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। लोक अदालत के दौरान छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी /अनाधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। आवेदक अन्य कोई कनेक्शन भी है, तो वहां की राशि पूर्ण जमा होना चाहिए।