छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए नगर सेना की टीम तैयार है, लेकिन विडबंना है कि इनके पास मोटर बोट को ले जाने के लिए खुद को वाहन नहीं है। ऐसे में दूसरे विभागो से मांग कर या फिर भाडे़ में वाहन लेकर काम चलाना पड़ रहा है। बारिश का मौसम आने से पहले एनडीआरएफ और नगर सेना की टीम के द्वारा बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित होने पर उससे निपटने के लिए तैयारी की जाती है। रायगढ़ जिला सेनानी विभाग में बाढ़ आपदा को लेकर संसाधनो की कमी देखी जा रही है। जिसमें सबसे ज्यादा जरूरी संसाधन फाइबर मोटर बोट है। यहां एक मोटर बोट है और एक बिलासपुर से मंगाया गया है, लेकिन दो फाइबर बोट की जरूरत है। इसके अलावा इन्हें ले जाने के लिए विभाग के पास खुद का वाहन तक नहीं है। जबकि बाढ़ आपदा जैसे समय में यह सबसे जरूरी है कि ऐसा वाहन हो, जो तत्काल मोटर बोट को ले जा सके। वाहन की निलामी कर दी गई
बताया जा रहा है कि एक वाहन था, लेकिन 15 साल से अधिक समय होने पर उसकी निलामी कर दी गई। इसके बाद दूसरा वाहन विभाग को नहीं मिल सका। ऐसे में पुलिस लाईन या दूसरे विभाग से बोट को ले जाने के लिए वाहन मांगना पड़ता है या फिर किराए में वाहन लाते हैं। हांलाकि बताया जा रहा है कि इसके लिए मुख्यालय में पत्र लिखा गया है।
सर्च लाईट और स्कूबा सेट की जरूरत
विभाग को अगर शाम ढलने के बाद रेस्क्यू करना पड़ता है, तो उन्हें सर्च लाईट की जरूरत होती है, लेकिन वह भी यहां नहीं है। जबकि जो सर्च लाईट है, अब उसमें टेक्निकल फाल्ट आ चुके हैं। साथ ही स्कूबा सेट भी विभाग के पास नहीं है। दो जिलों का चल रहा काम
रायगढ़ से बाढ़ आपदा के लिए दो जिलों का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के लिए जरूरत पड़ने पर यहां से संसाधन जाते हैं। ऐसे में फाइबर मोटर बोट का डिमांड करने के बाद भी अब तक विभाग को नहीं मिल सका है।
कर चुके हैं माॅड ड्रिल
बारिश शुरू होने से पहले रायगढ़ एनडीआरएफ और नगर सेना की टीम ने बाढ़ आपदा को लेकर माॅक ड्रिल कर लिया है। जून के पहले सप्ताह में केलो डेम में यह माॅक ड्रिल की गई और तेज बारिश से किसी तरह बाढ़ की स्थिति निर्मित होती है तो उससे निपटने के लिए जवान तैयार हैं।
मुख्यालय को पत्र लिखा गया
जिला सेनानी अधिकारी ब्लसियुज कुजूर ने बताया कि फाइबर मोटर बोट और उसे ले जाने के लिए वाहन की जरूरत है। जिसकी डिमांड मुख्यालय में पत्र लिखकर किया गया है। बाकी नायलोन रोप, मनीला रोप, लाईफबाॅय जैकेट जैसे कई संसाधन पर्याप्त मात्रा में है। जल्द ही वाहन भी विभाग को मिल जाएगा।