मर्सिडीज-बेंज की कारें भारत में सितंबर से 1-1.5% महंगी मिलेंगी:कंपनी ने इस साल तीसरी बार कीमतें बढ़ाईं, इससे पहले जुलाई-जनवरी में दाम बढ़े थे

जर्मन लग्जरी कार मैन्युफैक्चरर मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने सितंबर 2025 से अपनी सभी कारों की कीमतों को 1-1.5% बढ़ाने का ऐलान किया है। इस साल यह तीसरी बार है, जब कंपनी ने प्राइस हाइक का ऐलान किया है। इससे पहले कंपनी ने जनवरी और जुलाई में भी कारों की कीमतें बढ़ाई थीं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO संतोष अय्यर ने बताया कि यह कदम रुपए के यूरो के मुकाबले कमजोर होने के कारण उठाया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में यूरो के मुकाबले भारतीय रुपए की वैल्यू काफी कम हुई है। एक यूरो की वैल्यू अब 98 रुपए पार हो चुकी है, जो पहले 89-90 रुपए के आसपास थी। संतोष अय्यर ने कहा कि मर्सिडीज-बेंज की कारों में 70% यूरोपियन स्पेयर पार्ट्स इस्तेमाल होते हैं, जिसके चलते रुपए की कमजोरी से लागत बढ़ गई है। कंपनी ने इस बढ़ी हुई लागत को अब तक अपने स्तर पर झेला, लेकिन अब इसे ग्राहकों तक पहुंचाना जरूरी हो गया है। कीमतों में यह बढ़ोतरी दो फेज में लागू की गई थी। पहली जून और अब दूसरी सितंबर में लागू की जाएगी। सेल्स पर प्रभाव और मार्केट की कंडीशन अय्यर ने बताया कि कीमतों में ग्रोथ से सेल्स पर कुछ असर पड़ सकता है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती से ग्राहकों के लिए मंथली EMI का बोझ कम होगा। लगभग 80% नई कारों की खरीदारी फाइनेंस के जरिए होती है, जिससे कम ब्याज दरें ग्राहकों को राहत दे सकती हैं। इसके अलावा लग्जरी कार बाजार में मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है। इस साल लग्जरी कार सेगमेंट में 5-6% की ग्रोथ देखी गई है, जबकि जनरल पैसेंजर व्हीकल मार्केट में 2-3% की बढ़ोतरी हुई। कंपनी की स्ट्रेटजी और फ्यूचर प्लान्स मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने इस साल जनवरी-सितंबर 2024 में 14,379 यूनिट्स की सेल्स की, जो पिछले साल की तुलना में 13% ज्यादा है। कंपनी का इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेगमेंट भी तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें 73% की ग्रोथ दर्ज की गई। कंपनी की टोटल सेल्स में 11% हिस्सा EV का है। इसके अलावा कंपनी भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए 30 नए लग्जरी टच-पॉइंट्स ओपन करने का प्लान बना रही है। ग्लोबल चैलेंज और सप्लाई चेन संतोष अय्यर ने कहा कि ग्लोबल जियो पॉलिटिकल इश्यूज के कारण इस साल कंपनी की ग्रोथ लिमिटेड रह सकती है। हालांकि, मर्सिडीज-बेंज ने अपनी सप्लाई चेन को अच्छी तरह से मैनेज किया है, जिससे रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी जैसी समस्याओं का कंपनी पर कोई असर नहीं पड़ा है। मर्सिडीज-बेंज इंडिया का यह कदम कॉस्ट मैनेजमेंट और बिजनेस की स्थिरता बनाए रखने की दिशा में है। कंपनी का मानना है कि भारतीय बाजार में लग्जरी कारों की मांग बनी रहेगी और कम ब्याज दरों के साथ ग्राहकों को खरीदारी में आसानी होगी।

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