सावन के पहले सोमवार को बलरामपुर के तातापानी तपेश्वर धाम में जल चढ़ाने के लिए कांवड़ियों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। वे कन्हार नदी से जल भरकर तातापानी तपेश्वर धाम में जल चढ़ाने के लिए पैदल निकले। सुबह करीब 5 बजे से कांवड़ यात्रियों का यहां पहुंचना शुरू हो गया था। जो कि दोपहर 1 बजे तक चलता रहा। कुछ साल पहले तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा की पहल पर तातापानी तपेश्वर धाम में जल चढ़ाने के लिए कावड़ यात्रा की शुरुआत हुई थी। नगर के मां महामाया मंदिर छठ घाट कन्हार नदी से जल उठाने के लिए दूर दराज गांव के साथ-साथ झारखंड के सरहदी गांव से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। सावन के पहले सोमवार को कांवड़ यात्रियों में उत्साह देखते बन रहा था। रामानुजगंज से तातापानी का 16 किलोमीटर का सफर कावड़ यात्रियों का कई ग्रुप बाजे-गाजे के साथ जल उठाने पहुंचा। सभी ने बिना चप्पलों के रामानुजगंज से तातापानी का 16 किलोमीटर का सफर तय किया। कांवड़ यात्रियों में छोटे-छोटे बच्चों के साथ-साथ बुजुर्ग भी दिखे। कांवड़ यात्रियों में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की रही। सुरक्षा को लेकर पुलिसकर्मी रहे मुस्तैद छठ घाट में महामाया मंदिर के पुजारी जितेंद्र पांडे विधि विधान से पूजा-अर्चना कर कांवड़ यात्रियों को तातापानी के लिए रवाना कर रहे थे। श्रद्धालुओं की भीड़ और कन्हार नदी के उफान देखते हुए पुलिसकर्मी मौजूद रहे। गोताखोरों की भी टीम पूरे समय मुस्तैद रही। मेले जैसा माहौल हो गया निर्मित कांवड़ बेचने पिछले साल के समान इस साल भी झारखंड से कई दुकानदार कांवड़ लेकर आए थे। जो यहां सुबह 6 बजे ही अपना-अपना दुकान लगा दिए थे। सुबह 7 बजे के बाद श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ के कारण यहां मेला जैसा माहौल निर्मित हो गया था।