हिमाचल में कांग्रेस बिना संगठन निकाय-पंचायत चुनाव कैसे लड़ेगी:प्रतिभा ने फिर जताई चिंता, हाईकमान को लिखा पत्र; बोलीं- पार्टी के कामकाज पर विपरीत असर

हिमाचल प्रदेश में 4 महीने बाद नगर निकाय और पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव होने हैं। मगर हिमाचल में सत्तारूढ़ कांग्रेस के पास करीब 9 महीने से संगठन नहीं है। इसी चिंता में कांग्रेस की इकलौती पदाधिकारी एवं प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने हाईकमान को पत्र लिखकर जल्दी नया संगठन बनाने का आग्रह किया है। प्रतिभा ने लिखा कि, कार्यकारिणी भंग होने से प्रदेश में संगठन के कामकाज पर विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने पंचायत व निकाय चुनाव देखते हुए जल्द कार्यकारिणी बनाने का आग्रह किया। संगठन के बगैर चुनाव लड़ना संभव नहीं है। खासकर 7 नगर निगम चुनाव के चुनाव बिना संगठन के कांग्रेस नहीं लड़ पाएगी, क्योंकि इनके इलेक्शन पार्टी सिंबल पर होते है। स्टेट इलेक्शन कमीशन नवंबर के पहले व दूसरे सप्ताह में कभी भी चुनाव की घोषणा कर सकता है और दिसंबर में चुनाव प्रस्तावित है। जिला परिषद चुनाव में भी पार्टी समर्थित प्रत्याशी उतारे जाते हैं जिला परिषद के चुनाव पार्टी सिंबल पर तो नहीं होते। मगर कांग्रेस और भाजपा दोनों अपने समर्थित प्रत्याशी मैदान में उतारती है। हिमाचल में कांग्रेस के पास न राज्य, न जिला और न ही ब्लॉक कांग्रेस कमेटी है। ऐसे में कौन टिकट तय करेगा और किसे टिकट दिए जाएंगे। इन सब पर संशय बना हुआ है। हैरानी इस बात की है कि हाईकमान ने नया संगठन बनाने के लिए लोकसभा और सभी जिला में भी बीते साल ऑब्जर्वर भेजे। इन्हें नया संगठन बनाने का जिम्मा दिया गया। दो सह प्रभारी भी पूरे प्रदेश में घूमे। इन्होंने नए संगठन को लेकर अपनी रिपोर्ट भी हाईकमान को सौंपी। फिर भी संगठन नहीं बनाया गया। प्रदेश में संगठन के साथ साथ प्रदेश अध्यक्ष बदलने की भी चर्चाएं है। मगर शीर्ष नेतृत्व फैसला नहीं ले पा रहा है। 9 महीने से बिना संगठन के सत्तारूढ़ कांग्रेस प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस लगभग 9 महीने से बिना संगठन के है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस कमेटी और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी 6 नवंबर 2024 को भंग कर रखी है। तब से लेकर कई बार प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल, सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान ने कई बार जल्दी संगठन बनाने के दावे किए। मंत्री तक संगठन को पैरालाइज्ड बोल चुके कांग्रेस सरकार में मंत्री तक कांग्रेस संगठन को पैरालाइज्ड तक बोल चुके हैं। मगर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा। पार्टी वर्कर भी इससे मायूस हैं। दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी ने 18 लाख से ज्यादा नए मेंबर के साथ साथ ब्लाक, जिला और राज्य कार्यकारिणी बना ली है और पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गई है।

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