हिमाचल प्रदेश सरकार वन भूमि से अवैध कब्जे हटाने के लिए सेब के पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक यह निर्णय लिया गया। बागवानी मंत्री जगत नेगी ने स्पष्ट किया कि सरकार अवैध कब्जों को हटाने के विरोध में नहीं है। लेकिन सेबों का कटान उचित नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जल्द अपील दायर करने के लिए एडवोकेट जनरल को निर्देश दिए गए हैं। वहीं सरकार एफसीए एक्ट 1980 में हिमाचल प्रदेश को राहत की मांग को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहे गोदावर्मन केस में राजस्व विभाग एक अन्य याचिका दायर करेगी। जिससे सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से एफसीए एक्ट 1980 में राहत की मांग की जाएगी। विधानसभा सत्र में भेजा था प्रस्ताव- नेगी
नेगी ने कहा कि पिछले विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव इसके लिए विधानसभा के माध्यम से भेजा गया था लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया है ऐसे में राजस्व विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे में एक याचिका दायर करने का फैसला किया है। वहीं जगत सिंह नेगी ने वन भूमि पर रह रहे भूमिहीन लोगों से फॉरेस्ट राइट्स एक्ट, 2006 का फायदा लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हजारों लोग अपने पारंपरिक अधिकारों को वैध कर सकते हैं। लेकिन जागरूकता की कमी के कारण लोग आवेदन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने लोगो से इसके तहत फायदा उठाने की अपील की है।