मूवी रिव्यू- सैयारा,:मोहित सूरी की फिल्म में ‘आशिकी 2’ की टीस नए साज में, अहान का डेब्यू सरप्राइज, अनीत की सादगी ने दिल जीता

मोहित सूरी के निर्देशन में बनी फिल्म सैयारा आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म से अनन्या पांडे के कजिन और चंकी पांडे के भतीजे अहान पांडे ने डेब्यू किया है। फिल्म में उनके साथ लीड रोल में अनीत पड्डा हैं जो काजोल स्टारर सलाम वेंकी में नजर आ चुकी हैं। इस फिल्म की लेंथ 2 घंटा 36 मिनट है। दैनिक भास्कर ने इस फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार की रेटिंग दी है। फिल्म की कहानी कैसी है? वाणी बत्रा (अनीत पड्डा) एक शांत मिजाज की लड़की है, जो दुनिया से छुपाकर कविताएं लिखती है। जब उसकी कोर्ट मैरिज ऐन वक्त पर टूट जाती है, तो वह बुरी तरह टूट जाती है और लिखना भी छोड़ देती है। छह महीने बाद, वाणी बतौर पत्रकार एक नई शुरुआत करती है। वहीं उसकी मुलाकात होती है क्रिश कपूर (अहान पांडे) से होती है। वह एक गुस्सैल लेकिन लेकिन उभरता हुआ टैलेंटेड सिंगर है, जो अपने गानों के लिए अल्फाज तलाश रहा है। क्रिश जब वाणी की पुरानी कविताएं पढ़ता है, तो वो उसके अंदर की भावनाओं से जुड़ जाता है और दोनों मिलकर एक साथ गाने बनाना शुरू करते हैं। संगीत उन्हें करीब लाता है, लेकिन उनकी जिंदगी की उलझनें आसान नहीं हैं। प्यार, करियर और अतीत, सब कुछ बीच में आकर इस मोहब्बत को बार-बार तोड़ता है। स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है? अहान पांडे का डेब्यू सरप्राइज पैकेज है। उनका गुस्सा, असुरक्षा और प्यार,सब कुछ स्क्रीन पर साफ झलकता है। अनीत पड्डा ने अपने किरदार में बहुत सादगी और परिपक्वता दिखाई है। उनकी आवाज और आंखों के जरिए जो दर्द बाहर आता है, वो दिल को छूता है। सह कलाकारों में गीता अग्रवाल शर्मा और वरुण बडोला जैसे चेहरे सीमित, लेकिन असरदार हैं। फिल्म का डायरेक्शन और तकनीकी पक्ष कैसा है? मोहित सूरी अपनी इमोशनल कहानियों और म्यूजिकल लव स्टोरीज के लिए जाने जाते हैं। फिल्म ‘सैयारा’ में वो उसी जोन में लौटे हैं। कहानी में गहराई है, लेकिन कुछ हिस्सों में पुराने फॉर्मूले की झलक मिलती है। इंटरवल ब्लॉक में ट्विस्ट चौंकाता है और कुछ दृश्य सचमुच असर छोड़ते हैं। खासकर जब वाणी अपना अतीत क्रिश से साझा करती है या जब दोनों का एक गीत तैयार होता है। ड्रामा, संगीत और रिश्तों की जटिलता को मोहित ने बड़ी खूबसूरती से पिरोया है, लेकिन क्लाइमैक्स थोड़ी और कसावट मांगता है। फिल्म कुछ हिस्सों में predictable हो जाती है। मोहित सूरी की पुरानी फिल्मों जैसे ‘आशिकी 2’ की हल्की झलकें महसूस होती हैं। कहानी में एक नया पैनापन और थोड़ा और ताजगी होती, तो फिल्म का असर और गहराता। कैमरा वर्क और प्रोडक्शन डिजाइन फिल्म को विज़ुअली रिच बनाते हैं। एडिटिंग थोड़ी और चुस्त हो सकती थी, खासकर दूसरे हिस्से में। फिल्म का म्यूजिक कैसा है? संगीत फिल्म की जान है। इसमें कोई शक नहीं कि ‘सैयारा’ का म्यूजिक लंबे वक्त तक प्लेलिस्ट में बना रहेगा। टाइटल ट्रैक इमोशनल है और कहानी को उठाता है। ‘धुन’, ‘बरबाद’, ‘तुम हो तो’, हर गाना माहौल बनाता है, जोर से नहीं, धीरे-धीरे असर करता है। फाइनल वर्डिक्ट, देखे या नहीं? ‘सैयारा’ उन लोगों के लिए है, जो टूटे दिलों से निकली आवाजों को सुनना जानते हैं। ये फिल्म दिखाती है कि कैसे संगीत न सिर्फ जोड़ता है, बल्कि जख्मों को भरने का जरिया भी बनता है। अगर आप इमोशनल लव स्टोरीज और मेलोडियस म्यूजिक पसंद करते हैं, तो सैयारा आपका दिल छू सकती है।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *