झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2023 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। इस भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू में शामिल हुए 864 छात्रों में से 342 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। बोकारो डीएवी से की पढ़ाई धनबाद के ढैया निवासी आशीष अक्षत ने इस परीक्षा में टॉप किया है। उनकी इस उपलब्धि पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। आशीष के पिता रिटायर्ड पुलिसकर्मी हैं। आशीष ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा धनबाद के एक निजी विद्यालय से हुई। उच्च शिक्षा के लिए वे बोकारो चले गए। वहां डीएवी बोकारो से उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई विज्ञान संकाय से पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए वे जमशेदपुर गए। एनआईटी जमशेदपुर से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की। आशीष ने बताया कि गणित और विज्ञान विषयों में अच्छी पकड़ होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग का रास्ता चुना। सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की उन्होंने 2012 में AIEEE (वर्तमान में JEE MAINS) क्वालीफाई किया। इसके बाद उनका नामांकन एनआईटी जमशेदपुर में हुआ। वहां से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद 2017 में आशीष ने गुड़गांव में एक ई-कॉमर्स कंपनी में काम करना शुरू किया। वे 12 लाख रुपए सालाना पैकेज पर एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। नौकरी करते हुए उन्हें लोक सेवा में जाने की इच्छा जागी। इसके बाद उन्होंने नौकरी के साथ-साथ सिविल सर्विसेज से मास्टर्स की डिग्री हासिल की और लोक सेवा की तैयारी में जुट गए। उनकी मेहनत रंग लाई और वे झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉपर बने। 2022 में किया था पहला प्रयास आशीष ने बताया कि सिविल सेवा की तैयारी करने के दौरान 2022 में उन्होंने पहला प्रयास किया था। इसमें उनका चयन नहीं हो पाया था। इस बीच उन्होंने 2022 में ही यूपीएससी की भी तैयारी की। वहां भी उन्हें असफलता हाथ लगी। लेकिन उन्होंने हार न मानते हुए, 2023 में फिर से जेपीएससी की तैयारी शुरू की और इस बार उन्होंने न केवल सफलता हासिल की बल्कि राज्य में टॉप भी किया। पिता के कार्यों को देखकर हुआ था प्रभावित आशीष ने बताया कि उनके पिता झारखंड पुलिस में ही अपनी सेवा देते आए थे। 2019 में वे झारखंड पुलिस में निरीक्षक के पद पर रहते हुए अपनी सेवा समाप्त की थी। आशीष ने बताया कि जिस प्रकार से उनके पिता अपने कार्य को लेकर समर्पित रहते थे और उसे बखूबी निभाते थे, कहीं न कहीं उन्हें हमेशा लगता था कि पिता के पथ पर एक दिन इन्हें भी चलना चाहिए। उन्होंने बताया कि लोक सेवा परीक्षा देने के इरादे में भी उन्हें हमेशा पुलिस सेवा की ओर ही झुकाव रहा। उन्होंने बताया कि पुलिस सेवा ही सबसे बेहतर सेवा है। किसी भी व्यक्ति को कोई भी परेशानी होती है तो वे सबसे पहले पुलिस के पास ही पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि उनका चयन डीएसपी के पोस्ट पर होगा। वे इस पद पर रहते हुए लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए हमेशा उनके लिए तत्पर रहेंगे। 2024 में परिणय सूत्र में बंधे आशीष आशीष की शादी पिछले वर्ष 2024 में हुई। वे फिलहाल अपनी पत्नी के साथ गुड़गांव (हरयाणा) में रहते हैं। उन्होंने बताया कि बीती रात रिजल्ट घोषित होने के साथ शुक्रवार की सुबह से ही बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। लोग फोन के माध्यम से उन्हें लगातार बधाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि का श्रेय वे अपने माता-पिता और अपने बड़े भाई को देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि पिता के समर्पण और भाई के लगातार सहयोग के कारण और बीते 1 वर्षों से पत्नी के साथ ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है।


