बीजापुर जिले के तरेम से पामेड़ होते तेलंगाना राज्य के चेरला को जोड़ने वाला अस्थायी पुल बाढ़ में बह गया। ऐसे में 12 से अधिक गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। इसके अलावा निर्माणाधीन सड़क की हालत खस्ता है। जिसकी वजह से बाइक और कार कीचड़ में फंसने लगे हैं। जिनको निकालने के लिए पोकलेन मशीन या जेसीबी मशीन की मदद ली जा रही है। रुक-रुककर हो रही बारिश के बाद जीडपल्ली कैम्प से 500 मीटर दूर बना अस्थायी पुल करीब 10 मीटर चौड़ी बाढ़ में बहा गया है। पामेड़ से होकर धर्मारम से जीडपल्ली के बीच बने पुल पर बनाया गया। पुल बह जाने से 48 किलोमीटर सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप्प हो गया। कई गांवों के ग्रामीणों को भी अब दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन को माओवादग्रस्त इस क्षेत्र में सड़क निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। जबकि सड़क बनाने के लिए 7 सुरक्षाबलों के कैम्प स्थापित किए गए हैं। तरेम से लेकर पामेड़ तक चिन्नागेल्लूर, छुड़वाई, कोंडापल्ली, कवरगट्टा, जीडपल्ली -1, जीडपल्ली- 2, धर्मारम और पामेड़ में कैम्प स्थापित किए गए हैं। दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का कोर इलाका माना जाता है। सड़क मार्ग से संपर्क टूटने से आम लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।