तीनों को ऊपरी कोर्ट में जाने के लिए दी जमानत भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी मामले में सीबीआई कोर्ट ने जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद और दिल्ली की एक कंपनी के मालिक सुधीर जैन व सुरेंद्र जैन को दो-दो साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सीबीआई के विशेष जज एसएन तिवारी की कोर्ट ने तीनों पर एक-एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने पर तीनों को एक-एक साल की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने तीनों आरोपियों को ऊपरी अदालत में अपील दायर करने के लिए अंतरिम जमानत दे दी। घटना वर्ष 2004 की है। आरोप है कि दिलीप प्रसाद ने जेपीएससी अध्यक्ष पद पर रहते हुए ओएमआर मशीन की खरीद प्रक्रिया में गलत तरीके से टेंडर निकाला। ऊंची कीमत होने के बावजूद दिल्ली की एक कंपनी को टेंडर सौंप दिया। इससे उस समय जेपीएससी को 28.66 लाख रुपए की आर्थिक क्षति हुई थी। इस घटना को लेकर सीबीआई ने वर्ष 2013 में इन तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से 20 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। जबकि आरोपियों की ओर से बचाव में तीन गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। दस्तावेज और गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने दिलीप प्रसाद समेत तीनों आरोपियों को धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने के जुर्म में दोषी ठहराया। दिलीप प्रसाद को धोखाधड़ी और षड्यंत्र के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी दोषी ठहराया गया है। एफआईआर में यह भी आरोप है कि दिलीप प्रसाद ने जेपीएससी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कई नियुक्तियों में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाया था। इसे लेकर सीबीआई की ओर से कई एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला कांड संख्या 6ए/ 2013 से जुड़ा है।