जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:कोर्ट ने पूछा- आप जांच कमेटी के सामने क्यों पेश हुए, फैसला हक में करने की कोशिश की

सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड के आरोपी जस्टिस यशवंत वर्मा से सोमवार को पूछा, ‘आप जांच कमेटी के सामने क्यों पेश हुए। क्या आपने पहले वहां से फैसला अपने हक में लाने की कोशिश की। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस वर्मा ने उनके घर जले नकदी नोट मामले में इन-हाउस कमेटी की रिपोर्ट और महाभियोग की सिफारिश रद्द करने की अपील की गई है। रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया है। जस्टिस वर्मा की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील रखी। अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी। जस्टिस वर्मा की अपील- जल्द से जल्द बेंच गठित करें
23 जुलाई को पिछली सुनवाई में जस्टिस वर्मा की ओर से कहा गया था कि इसमें कुछ संवैधानिक मुद्दे हैं। कृपया जल्द से जल्द बेंच गठित करें। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले पर सुनवाई के लिए नई बेंच गठित करेंगे। दूसरी तरफ, संसद में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही भी शुरू हो गई है। जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए 152 सांसदों ने 21 जुलाई को लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला को ज्ञापन सौंपा। राज्यसभा में 50 से ज्यादा सांसदों ने प्रस्ताव पर साइन किए। वहीं, सुनवाई से चीफ जस्टिस बीआर गवई ने खुद को अलग कर लिया है। उनका कहना है कि मेरे लिए इस केस की सुनवाई में शामिल होना उचित नहीं होगा, क्योंकि मैं पहले भी इसका हिस्सा रहा हूं। याचिका में जस्टिस वर्मा बोले- घर से नोट मिलना साबित नहीं करता कि ये मेरे थे
18 जुलाई को जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने तर्क दिया था कि उनके आवास के बाहरी हिस्से में कैश बरामद होने मात्र से यह साबित नहीं होता कि वे इसमें शामिल हैं, क्योंकि आंतरिक जांच समिति ने यह तय नहीं किया कि नकदी किसकी है या परिसर में कैसे मिली। समिति के निष्कर्षों पर सवाल उठाते हुए उनका तर्क दिया है- ये अनुमान पर आधारित है। याचिका में जस्टिस वर्मा का नाम नहीं है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट डायरी में इसे ‘XXX बनाम भारत सरकार व अन्य’ के टाइटल से दर्ज किया गया है। जस्टिस वर्मा ने 5 सवालों के जवाब मांगे
जस्टिस वर्मा ने अपनी याचिका में 5 सवालों के जवाब मांगे हैं, साथ ही 10 तर्क दिए हैं, जिनके आधार पर जांच समिति की रिपोर्ट रद्द करने की मांग और महाभियोग की सिफारिश रद्द करने का अनुरोध किया गया है। जस्टिस वर्मा ने याचिका में कहा है कि नोटों की बरामदगी पर समिति को इन 5 सवालों के जवाब देने चाहिए थे- याचिका में जस्टिस वर्मा के 10 तर्क… संसद में आएगा महाभियोग प्रस्ताव 21 जुलाई को मानसून सत्र के पहले दिन संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी है। सभी पार्टियों से बात हो चुकी है और संसद की राय एकजुट है। रिजिजू ने आगे बताया कि लगभग सभी बड़े राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है। जिन पार्टियों के सिर्फ एक-एक सांसद हैं, उनसे भी बात करूंगा, ताकि संसद का यह रुख सर्वसम्मति वाला हो। अब 3 स्लाइड में जस्टिस वर्मा कैश केस का पूरा मामला समझिए… ——————————- जस्टिस वर्मा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जस्टिस वर्मा को सरनेम से बुलाने पर वकील को फटकार:सुप्रीम कोर्ट बोला- क्या वे आपके दोस्त हैं, मर्यादा में रहिए; जस्टिस के खिलाफ महाभियोग आएगा सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को उनके सरनेम से संबोधित करने पर एक वकील को फटकार लगाई। दरअसल, वकील मैथ्यूज नेदुम्परा जस्टिस वर्मा को सिर्फ वर्मा कहकर संबोधित कर रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *