सरायकेला जिला मुख्यालय के पास मंगलवार सुबह एक जंगली हाथी के प्रवेश से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। सुबह करीब 6 बजे हाथी शहर से सटे किता गांव में घुस गया। हाथी के आने की खबर मिलते ही गांव में अफरातफरी मच गई। लोग अपनी जान और संपत्ति की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गए। ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग और सरायकेला थाना को सूचना दी। पुलिस की टीम जल्द ही मौके पर पहुंच गई और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। हालांकि, वन विभाग की टीम की अनुपस्थिति ने स्थानीय लोगों में नाराजगी पैदा कर दी। वन विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के समय पर न पहुंचने से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे। अगर खुद आगे नहीं आते तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था: ग्रामीण स्थानीय निवासियों ने स्वयं पहल करते हुए शोर मचाकर और ढोल-नगाड़े बजाकर हाथी को गांव से बाहर निकालने में सफलता पाई। उनका कहना है कि अगर वे खुद आगे नहीं आते तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। हाथी किता गांव से निकलकर पाटाहेसल की ओर चला गया और वहां एक सरकारी विद्यालय के पास रुक गया। वन विभाग की इस लापरवाही ने स्थानीय प्रशासन की तैयारियों पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।