सरकार सख्त…:एमएस, एसएमओ, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ सस्पेंड और हाउस सर्जन बर्खास्त किया

जालंधर स्थित सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से 3 लोगों की मौत मामले में सरकार सख्त है। दो दिन बाद सरकार ने एमएस, एसएमओ, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ को सस्पेंड, जबकि हाउस सर्जन को बर्खास्त कर दिया है। सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मरीजों की जान ऑक्सीजन की समय पर उपलब्धता और सही प्रबंधन से बचाई जा सकती थी, पर मैनेजमेंट स्तर पर चूक हुई है। यह घटना लापरवाही के कारण हुई है, जबकि अस्पताल में पर्याप्त बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और 4 ऑक्सीजन स्रोत उपलब्ध थे। मंत्री ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट में 2 मशीनें और 4 बैकअप सोर्स हैं, जो प्रेशर कम होने पर सप्लाई बनाए रखने के लिए हैं। अस्पताल में दोहरी कंप्रेसर युक्त पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, 18-20 सिलेंडरों वाला मैनिफोल्ड सिस्टम और एक तरल मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट मौजूद है, जो 4 स्तरीय बैकअप प्रदान करता है। इसके बावजूद ऑक्सीजन प्रेशर में भारी गिरावट आना ड्यूटी स्टाफ की गैर जिम्मेदारी को दर्शाता है। प्राथमिक जांच में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। घटना के 2 दिन बाद एक्शन… सेहत मंत्री बोले- अस्पताल में पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन उपलब्ध थे, मैनेजमेंट स्तर पर चूक सेहत मंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट की समयसीमा तय नहीं की गई है, लेकिन सप्ताह में घटना के कारणों का खुलासा किया जाएगा। मंत्री ने जान गंवाने वालों के पारिवारिक सदस्यों को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। मंत्री ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राज कुमार, एसएमओ डॉ. सुरजीत सिंह और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सोनाक्षी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। सभी हेल्थ विभाग के रेगुलर अधिकारी है, जिनकी 20 से 25 साल की अधिक सर्विस हो चुकी है। ऐसी लापरवाही के चलते इनको डिसमिस से रिटायर किया जा सकता है। उन्होंने कहा, टेक्निकल टीम, डिप्टी डायरेक्टर की रिपोर्ट पर यदि दोष साबित हुआ तो इन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। तीनों ने अगर कोई स्पष्ट जवाब न दिया तो उन्हें जिंदगीभर के लिए नौकरी से निकाला जाएगा। वर्तमान हाउस सर्जन डॉ. शमिंदर सिंह को बर्खास्त किया गया है। यदि दोष सिद्ध हुआ तो इन्हें सेवा से स्थायी रूप से बर्खास्त किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में ये किसी सेवा लाभ के पात्र नहीं होंगे। अस्पताल में 49 इंटरनल एमओ, 46 ट्रेनी डॉक्टर, 14 हाउस सर्जन और 17 एमओ हैं। इसके बावजूद घटना होना बेहद चिंताजनक है। अभी तक जांच में पता चला कि सिर्फ इन अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण 3 मरीजों की जांच गई है।

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