लुधियाना में कल नगर निगम जोन-डी में भाजपा के 18 पार्षदों ने मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर धरना दिया। ये धरना तब तक चलता रहेगा जब तक मेयर भाजपा के पार्षदों से माफी नहीं मांग लेती। दरअसल,पार्षदों का आरोप है कि उनके वार्डों में कोई विकास कार्य नहीं हो रहा और गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, लेकिन निगम अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे। पार्षदों ने यह भी कहा कि काम कराने से पहले अधिकारी पूछते हैं कि आप किस पार्टी से हैं, जिससे पक्षपात हो रहा है। कल सभी पार्षद मेयर से मिलने पहुंचे, लेकिन उन्होंने कभी बाहर भेजा, कभी अंदर बुलाया और आखिर में बहस कर उन्हें दफ्तर से निकलवा दिया। इस कारण वह तब तक मेयर के खिलाफ धरना देंगे जब तक वह माफी नहीं मांग लेती। मेयर पद नहीं संभाला जा रहा तो किसी और को काम करने का मौका दे- पार्षद गौरवजीत पार्षद गौरवजीत गोरा ने कहा कि हम लोगों के काम लेकर मेयर के पास गए थे लेकिन इस तरह से गलत व्यवहार किया जाना सहन नहीं होगा। यदि एक महिला से मेयर का पद नहीं संभाला जा रहा तो किसी और को काम करने का उन्हें मौका देना चाहिए। हम मेयर के पद का सम्मान करते है लेकिन यदि मेयर को ऐसा लगा कि हमने कुछ गलत कहा तो हमारी भी इज्जत है। विधायकों की शह पर मेयर ने किया गलत व्यवहार उधर, भाजपा के जिला प्रधान रजनीश धीमान ने कहा- मेयर इंद्रजीत कौर विधायकों की शह पर इस तरह का बरताव कर रही है। यदि उन्होंने माफी नहीं मांगी तो भाजपा इसी तरह से डटकर इस धक्केशाही का विरोध करती रहेगी। अब पढ़िए पूरा मामला-
कल 1 अगस्त नगर निगम जोन-डी में भाजपा के 18 पार्षदों ने मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर से मिल कर अपनी समस्याएं बताने गए थे। लेकिन मेयर और पार्षदों के बीच बहसबाजी हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि मेयर के दफ्तर के बाहर मौजूद सिक्योरिटी ने उन्हें बाहर जाने के लिए कहा। इतने में गुस्साएं भाजपा पार्षदों ने मेयर के दफ्तर के अंदर ही नारेबाजी शुरू कर दी। पार्षदों का आरोप है कि उनके वार्डों में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे। अधिकारी धक्केशाही पर उतारु हो चुके है। आज मेयर से मिलने वह पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने कभी बाहर भेजा, कभी अंदर बुलाया और आखिर में बहस कर उन्हें दफ्तर से निकलवा दिया। इस कारण वह तब तक मेयर के खिलाफ धरना देंगे जब तक वह माफी नहीं मांग लेती। उधर, मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर ने कहा- आज भाजपा के समस्त पार्षद अपनी समस्याएं बताने की बात कहकर दफ्तर में आये थे। लेकिन इस दौरान कुछ पार्षद ऊंची आवाज में बहसबाजी करने लगे। उनकी आवाज सुनकर सिक्योरिटी अंदर आ गई। जिन्होंने मामला संभाला और शोर मचा रहे पार्षदों को समझाया। किसी पार्षद को दफ्तर से बाहर नहीं निकाला गया। पहले से कुछ पार्षद समस्या बताने नही बल्कि माहौल खराब करने आये थे। किसी भी वार्ड में विकास कार्य को रुकने नही दिया जा रहा।