झारखंड के देवघर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे के दौरान सुरक्षा में गंभीर चूक का मामला सामने आया है। राष्ट्रपति के काफिले की कुछ गाड़ियां तयशुदा मार्ग से भटककर अन्य रास्ते पर चली गईं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। घटना के बाद जांच में लापरवाही पाए जाने पर देवघर पुलिस महकमे के चार सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। यह घटना देवघर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान घटी। राष्ट्रपति के काफिले की कुछ गाड़ियों को कार्यक्रम स्थल की ओर न ले जाकर एक अन्य मार्ग से डायवर्ट कर दिया गया। इससे राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे। रात में ही पहुंची विशेष जांच टीम, त्वरित कार्रवाई घटना के तुरंत बाद विशेष जांच टीम ने रात में ही एम्स परिसर पहुंचकर पूरे मामले की बारीकी से जांच की। जांच पूरी होने के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर देवघर यातायात थाना के एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई), एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (एएसआई), एक सामान्य पुलिसकर्मी और झारखंड आर्म्ड पुलिस (जैप) के एक जवान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। हालांकि देवघर पुलिस प्रशासन ने अभी तक इस कार्रवाई की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन विभागीय सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा में हुई चूक को लेकर प्रशासन गंभीर है और आगे भी जांच जारी है। जोनल आईजी ने दी सफाई- गंभीर चूक नहीं संताल परगना जोन के आईजी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने इस मसले पर बयान देते हुए कहा कि राष्ट्रपति की सुरक्षा में कोई गंभीर खतरा नहीं था। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि काफिले की कुछ गाड़ियां निर्धारित मार्ग के बजाय दूसरे रास्ते से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं, जो कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के विरुद्ध है।
आईजी सिन्हा के अनुसार, जिन अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही सामने आयी है, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। प्रशासनिक हलकों में चर्चा, आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी इस मामले को लेकर देवघर पुलिस के अधिकारी मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि विभागीय स्तर पर निलंबन की कार्रवाई को लेकर काफी चर्चा है। प्रशासनिक स्तर पर मामले की गंभीरता को देखते हुए आगामी दिनों में और भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस मुद्दे को अपने एक्स अकाउंट पर उठाया है।