छत्तीसगढ़ के कोड़ेकुर्से स्थित 50 सीटर प्री मैट्रिक बालक छात्रावास की स्थिति जर्जर है। छात्रावास की छत टूट चुकी है, जिससे बारिश का पानी कमरों में गिरता है। यहां रहने वाले बच्चों को पेयजल की उचित सुविधा नहीं है और पंखे भी नहीं हैं। सर्व आदिवासी युवा प्रभाग ने छात्रावास का निरीक्षण किया। प्रभाग के अध्यक्ष हरेश रावटे ने बताया कि जर्जर भवन में ही बच्चों का खाना बनता है। रसोई कक्ष न होने से सामान अस्त-व्यस्त रखा जाता है। शौचालय की स्थिति इतनी खराब है कि वहां सांप ने बसेरा बना लिया था। 2 बाथरूम ही स्थिति सही युवा प्रभाग के राजेश गोटा ने कहा कि 50 बालकों के लिए मात्र 2 बाथरूम ही सही स्थिति में हैं। उन्होंने बताया कि यह वही छात्रावास है, जिसे सांसद भोजराज नाग ने खुद देखा था, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। 30-35 साल हो चुके हैं भवन बने स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार इस भवन को बने लगभग 30-35 साल हो चुके हैं। तब से आज तक छात्रावास इसी भवन में संचालित हो रहा है। कई बार प्रशासन से अतिरिक्त कक्ष की मांग की गई है, लेकिन केवल आश्वासन ही मिले हैं।