कोंडागांव जिले में सर्व आदिवासी समाज अपने अस्तित्व, संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए एकजुट हो गया है। जिले में मुरिया समाज की अगुवाई में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई गई और कठोर कानून की मांग उठाई गई। बैठक की अध्यक्षता मुरिया समाज के जिला अध्यक्ष धनीराम सोरी ने की। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ जन और विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य 9 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस की तैयारियों पर चर्चा करना था। लेकिन चर्चा का केंद्र धर्मांतरण का मुद्दा बन गया। बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने बस्तर सांसद महेश कश्यप का समर्थन किया। उन्होंने संसद के मानसून सत्र में बस्तर की समस्याओं को उठाया था। वक्ताओं ने कहा कि महेश कश्यप ने जिस साहस के साथ आदिवासी समाज की पीड़ा को सदन में रखा, वह सराहनीय है। धर्मांतरण जैसे मुद्दे पर सरकार सख्त रुख अपनाए सभा में यह भी कहा गया कि आदिवासी समाज की परंपरा, संस्कृति और धर्म पर हो रहे हमलों को रोकना जरूरी है। इसके लिए ठोस और कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है। धर्मांतरण जैसे मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार को सख्त रुख अपनाना चाहिए। तभी आदिवासी समाज संरक्षित रह पाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस को धूमधाम से मनाया जाएगा। पारंपरिक वेशभूषा, नृत्य, गीत और रैली के माध्यम से समाज की पहचान का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इससे समाज की आवाज नीति-निर्माताओं तक पहुंचेगी। बैठक के अंत में सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया कि आदिवासी समाज अपनी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए संघर्ष करेगा। वे किसी भी प्रकार के जबरन या प्रलोभन से किए गए धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं करेंगे।