बैगा जनजाति की महिला के गले में दुर्लभ कैंसर:सिम्स के डॉक्टरों ने 5 घंटे के ऑपरेशन से बचाई जान,लाखों के खर्च वाला इलाज मुफ्त

छत्तीसगढ़ के सुदूर आदिवासी क्षेत्र में रहने वाली 25 वर्षीय बैगा जनजाति की महिला के गले में दुर्लभ कैंसर मिला। बिलासपुर सिम्स के डॉक्टरों की टीम ने पांच घंटे लंबे सफल ऑपरेशन के बाद महिला के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार का दावा किया है। प्रबंधन के अनुसार, लाखों रुपए खर्च वाली इस जटिल बीमारी का सिम्स में पहली बार मुफ्त इलाज संभव हुआ है। महिला अपने गले के दाएं भाग में लंबे समय से लगातार बढ़ रहे सूजन से परेशान थी। वह स्थानीय डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने महिला को तुरंत छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (CIMS), बिलासपुर रेफर किया। यह सूजन लगभग एक वर्ष से धीरे-धीरे बढ़ रहा था। नींबू के आकार का यह सूजन वर्तमान में कान के निचले भाग से लेकर कंधे तक फैल गया था। हाल के महीनों में इसमें से रुक-रुक कर रक्तस्राव भी होने लगा था। हर्थल सेल कार्सिनोमा कैंसर सिम्स में महिला की समग्र जांच के दौरान उसके गले का एमआरआई और सीटी स्कैन कराया गया। एफएनएसी (फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी) की गई। इसमें एक अत्यंत दुर्लभ प्रकार के कैंसर- हर्थल सेल कार्सिनोमा (Hurthle Cell Carcinoma) की पुष्टि हुई। इसे प्रारंभ में थायरॉयड ग्रंथि से उत्पन्न माना गया। यह कैंसर शरीर के किसी अन्य भाग में तो नहीं फैला है, यह देखने के लिए छाती, पेट और मस्तिष्क का सीटी स्कैन कराया गया। एफएनएसी रिपोर्ट के आधार पर तत्काल सर्जरी की योजना बनाई गई और सफल ऑपरेशन किया गया।

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