6 भारतीय कंपनियों पर ट्रम्प ने बैन लगाया:कहा- ईरान से चोरी-छिपे कारोबार किया; ईरान बोला- अमेरिका इकोनॉमी को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार देर रात ईरान से प्रतिबंधित रसायन और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद करने वाली 24 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया। इनमें 6 भारतीय कंपनियां भी हैं। इसके अलावा चीन की 7, UAE की 6, हॉन्गकॉन्ग की 3, तुर्किये और रूस की 1-1 कंपनी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इन प्रतिबंधों की घोषणा की। मंत्रालय का कहना है कि इन कंपनियों ने 2024 में ईरानी मूल के 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा के उत्पाद यूएई के रास्ते मंगवाए। ईरान इस पैसे से न्यूक्लियर प्रोग्राम बढ़ा रहा है और आतंकी फंडिंग कर रहा है। ईरान पर 2018 से प्रतिबंध है। ईरान ने इसका जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका अपनी इकोनॉमी को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। दूतावास ने कहा- अमेरिका, ईरान और भारत जैसे आजाद देशों पर प्रतिबंध लगाकर उनकी प्रगति और विकास को रोकने की कोशिश कर रहा है। ये प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं। यह एक तरह का आधुनिक आर्थिक साम्राज्यवाद है। इन नीतियों का विरोध करना मजबूत ग्लोबल साउथ के लिए खड़ा होना है। किन भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई हुई? अमेरिका का ईरान पर आतंकी संगठनों को फंडिंग का आरोप ये प्रतिबंध ईरान पर अमेरिका की मैक्सिमम प्रेशर की नीति का हिस्सा हैं। अमेरिका का दावा है कि ईरान अपने तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री से जो आमदनी करता है, उसका इस्तेमाल मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने और आतंकी संगठनों को समर्थन देने में करता है। अमेरिका ने कहा है कि प्रतिबंधों का मकसद सजा देना नहीं, बल्कि व्यवहार में बदलाव लाना है। प्रतिबंधित कंपनियां अगर चाहें, तो अमेरिकी ट्रेजरी विभाग से प्रतिबंध हटाने की अर्जी दे सकती हैं। इस कार्रवाई में भारत के अलावा तुर्की, चीन, UAE और इंडोनेशिया की कुछ कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है। अमेरिका के मुताबिक, ये कंपनियां ईरान के तेल व्यापार में सहयोग कर रही थीं। प्रतिबंधों का असर क्या होगा इन कंपनियों की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियों और अमेरिकी नागरिकों/कंपनियों के साथ इनके लेनदेन को तुरंत फ्रीज कर दिया गया है। कोई अमेरिकी व्यक्ति या कंपनी इन प्रतिबंधित कंपनियों के साथ व्यापार नहीं कर सकती। इसके अलावा इन कंपनियों की जिन दूसरी कंपनियों में हिस्सेदारी 50% से अधिक है, वे भी इन प्रतिबंधों के दायरे में आ जाएंगी। फरवरी में भी 4 कंपनियों पर बैन लगाया था अमेरिका ने इस साल दूसरी बार भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इससे पहले इस साल फरवरी में भी उसने भारत की 4 कंपनियों को बैन किया था। इन कंपनियों पर भी ईरानी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बिक्री और ट्रांसपोर्ट में मध्यस्थता का आरोप लगाया था। अमेरिका के मुताबिक इन कंपनियों की मदद से ईरान के ऑयल एक्सपोर्ट को अवैध शिपिंग नेटवर्क के जरिए अंजाम दिया जाता है। इन 4 भारतीय कंपनियों में फ्लक्स मैरीटाइम LLP (नवी मुंबई), BSM मैरीन LLP (दिल्ली-NCR), ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (दिल्ली-NCR) और कॉसमॉस लाइन्स इंक (तंजावुर) शामिल थीं। इन 4 कंपनियों में से 3 पर ईरानी ऑयल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के ट्रांसपोर्ट में शामिल जहाजों के कॉमर्शियल और टेक्निकल मैनेजमेंट की वजह से बैन लगाया गया। जबकि कॉसमॉस लाइन्स को ईरानी पेट्रोलियम के ट्रांसपोर्ट में शामिल होने की वजह से बैन किया। ——————————– ट्रम्प के भारत के खिलाफ एक्शन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…. भारत पर 25% टैरिफ लगाने की एक वजह BRICS भी:ट्रम्प बोले- यह अमेरिका विरोधी देशों का ग्रुप और इंडिया इसका मेंबर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने के पीछे BRICS को भी एक वजह बताया। उन्होंने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। पूरी खबर यहां पढ़ें…. भारत-अमेरिका में 6 महीने बाद भी ट्रेड डील नहीं हुई:भारत एग्रो-डेयरी सेक्टर में छूट को तैयार नहीं; ट्रम्प ने लगाया 25% टैरिफ भारत और अमेरिका के बीच फरवरी में ट्रेड डील पर बातचीत शुरू हुई थी। यानी 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन दोनों देश अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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