झारखंड-ओडिशा सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों ने करमपदा-रेंगडा रेल मार्ग को निशाना बनाते हुए दो स्थानों पर आईईडी बिछा दी थी। इनमें से एक आईईडी में विस्फोट कर रेल पटरी को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके कारण इस मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से रोक दिया गया। यह घटना रविवार की है। जब रेलवे की नियमित पेट्रोलिंग टीम के दो की-मैन एतवा उरांव और बुधराम मुंडा रेल पटरी की जांच के लिए निकले थे। इसी दौरान वे नक्सलियों द्वारा लगाए गए दूसरे आईईडी की चपेट में आ गए। की-मैन एतवा उरांव का पैर उड़ा विस्फोट इतना भीषण था कि एतवा उरांव के दोनों पैर उड़ गए और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, उनके साथ चल रहे बुधराम मुंडा भी धमाके की चपेट में आ गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल बुधराम को तुरंत राउरकेला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। रेलवे अधिकारियों और सुरक्षा बलों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और तलाशी अभियान तेज कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियां नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। यह सुनियोजित हमला, रेल कर्मियों को बनाया निशाना घटना की पुष्टि करते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे के वरिष्ठ मंडल आयुक्त पी शंकर कुट्टी ने कहा कि यह एक सुनियोजित हमला था, जिसमें रेलवे कर्मचारियों को निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया कि जांच जारी है और रेल पटरी की मरम्मत के बाद ही परिचालन बहाल किया जाएगा। मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा उधर, उड़ीसा सरकार ने मृतक एतवा उरांव के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही घायलों को समुचित इलाज और सहायता प्रदान करने की बात कही है। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक गंभीर चेतावनी है कि नक्सली अब रेलवे कर्मचारियों और ढांचे को निशाना बना रहे हैं, जिससे क्षेत्र में परिवहन और सुरक्षा दोनों पर असर पड़ रहा है।