झारखंड अलग राज्य निर्माण के आंदोलन को गति देने के लिए शिबू सोरेन का होता रहता था गुमला आगमन, लोगों में भरते थे जोश

कामडारा | पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की निधन की खबर लगते ही सोमवार को कामडारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में अधिकारियों व कर्मियों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी। इधर राजकुमार सिंह, फिरन साहु, अब्दुल शब्बीर, अनिकांत ओहदार, विजय कच्छप सहित अन्य आंदोलनकारियों ने शोक संवेदना व्यक्त की। वहीं राजकुमार सिंह ने बताया कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के झारखंड आंदोलन से लेकर राजनीतिक संघर्ष तक की गाथा लोगों के लिए प्रेरणादायक है। आरिफ हुसैन अख्तर | गुमला झारखंड अलग राज्य निर्माण को लेकर राजनीतिक गलियारों में राजनेताओं के भले ही अलग अलग दावे होते रहते है।मगर राज्य के अलग निर्माण में शिबू सोरेन द्वारा फूंके गए जन आंदोलनों व उनकी बड़ी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है।झारखण्ड अलग निर्माण के आंदोलन को गति देने के लिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन का गुमला में भी आगमन होता रहता था। ऐसे इन आंदोलनों से पूर्व व बाद में उन्होंने कई चुनावी जनसभा में भी शामिल होने के लिए गुमला आ चुके है। उनके गुमला आगमन पर उन्हें देखने व सुनने के लिए लोगो का हुजूम उमड़ पड़ता था।वर्ष 1988 के आसपास जब दिशोम गुरु शिबू सोरेन एकाकृत बिहार राज्य में रहे दुमका के विधायक व पीएसी बोर्ड के चेयरमैन थे।तब वे सूरज मंडल के साथ बसिया के कोनवीर नवा टोली में अयोजित कोयल कारो जनसंगठन के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत कर हलेन कुजूर के साथ गुमला पहुँचे थे। गुमला पहुचने के बाद उनका काफिला पालकोट रोड स्थित विश्वकर्मा मोटर्स वर्क्स गैरेज में रुका था।तब गैरेज के मालिक अजित विश्वकर्मा को उन्होंने जेएमएम की सदस्यता दिलाई थी। उनसे प्रेरित होकर वे जेएमएम की सदस्यता ग्रहण की थी। जिसके बाद में वे जिला सचिव भी बने थे। और अलग राज्य के हर आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिए। इस दौरान शिबू सोरेन जब भी गुमला आते थे तब वे उनसे खास मुलाकात करते थे। अजित विश्वकर्मा ने शिबू सोरेन से जुड़े बीते पल को याद करते हुए बताया कि उनपर कुदरत का हाथ था। वे जो कहते थे कर दिखाते थे। साथ ही लोगो मे कुछ कर गुजरने के लिए जुनून व जज्बा पैदा कर देते थे।उन्होंने बताया कि 1990 के दशक में झामुमो व राजद का गठबंधन था।तब शिबू सोरेन, लालू यादव व सूरज मंडल परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में लोहरदगा लोकसभा के राजद प्रत्याशी करमचंद भगत के पछ में चुनाव प्रचार करने आये थे।तब उन्होंने यहां से भी अलग राज्य के निर्माण को लेकर हुंकार भरी थी।

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