कोंडागांव में माता लिंगेश्वरी का एक दिन का मंदिर:3 सितंबर को खुलेंगे कपाट; संतान सुख के लिए भक्त चढ़ाते हैं खीरा

कोंडागांव में स्थित माता लिंगेश्वरी का अनोखा मंदिर साल में केवल एक दिन के लिए खुलता है। इस साल 3 सितंबर को भादो माह की 11वीं तिथि पर सूर्योदय के साथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। यह मंदिर विशेष रूप से संतान सुख चाहने वाले दंपतियों के लिए आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि जो भी दंपति सच्चे मन से मां से संतान की कामना करते हुए खीरे की भेंट चढ़ाते हैं, उन्हें मां की कृपा से शीघ्र संतान प्राप्त होती है। परंपरा के अनुसार पति-पत्नी खीरे को मां को अर्पित करते हैं। इसके बाद पुजारी उसी खीरे को नाखून से चीरकर दोनों को प्रसाद रूप में खिलाता है। यह मां की स्वीकृति और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। दर्शन के लिए होता है विशेष प्रबंध बढ़ती श्रद्धालु संख्या को देखते हुए प्रशासन ने रुकने, ठहरने और सुरक्षा के प्रबंध किए हैं। जल, प्रकाश और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि भक्तों को कोई परेशानी न हो। लिंगेश्वरी सेवा समिति के अनुसार इस साल विशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी) को भी आम श्रद्धालुओं की कतार में ही दर्शन करने होंगे। यह निर्णय मंदिर समिति ने लिया है। लोगों की जुड़ी है आस्था माता लिंगेश्वरी का यह मंदिर न तो किसी विशाल शिखर पर है और न ही किसी भव्य स्थापत्य का उदाहरण है। फिर भी यह एक शक्ति केंद्र है जहां श्रद्धा का महत्व है। यहां एक दिन में साल भर की आस्था समाहित होती है और मान्यता है कि मां अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करतीं। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि श्रद्धा और प्रकृति के अद्वितीय संगम का स्थान है। यहां न केवल धार्मिक परंपरा है, बल्कि वह संस्कृति भी है जो सदियों से जंगलों, आदिवासियों और आम जनमानस के बीच जीवित है।

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