सावन के अंतिम सोमवार को भगवान चंद्रमौलेश्वर की पालकी यात्रा मां शीतला मंदिर परिसर से निकली। इसके पहले सिंघोला के महाकाल मंदिर से भगवान चंद्रमौलेश्वर राजा स्वरुप में शीतला मंदिर पहुंचे। जहां मां शीतला के रुप में विराजित शक्ति से उनका मिलन हुआ। शिव शक्ति के मिलन के बाद पालकी यात्रा की शुरुआत हुईँ। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु शीतला मंदिर परिसर में जुटे रहे। पालकी यात्रा ने शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण किया। जिसमें अघोरी नर्तक दल की विशेष वेशभूषा आकर्षण का केंद्र रही। पालकी यात्रा में शामिल हुए श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के भजन पर थिरकत रहे। पालकी यात्रा का शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्वागत किया गया। कई जगहों पर पुष्पवर्षा भी की गई। यात्रा के दौरान भगवान भोलेनाथ के जयकारे गुंजते रहे। सावन के अंतिम सोमवार को देखते हुए पालकी यात्रा को और भव्य स्वरूप दिया गया था। जिसमें कई तरह के नृत्य दल भी शामिल हुए। यात्रा में शहर के श्रद्धालुओं, आयोजन समिति के अलावा राजनीतिक दल के नेता और जनप्रतिधि भी शामिल हुए।