पाकिस्तान में बैठे अंतरराष्ट्रीय तस्कर बड़ी मात्रा में कई देशों में ड्रग्स की तस्करी कर रहे हैं। भारत पाकिस्तान तनाव के बाद भी ड्रोन से बॉर्डर पार कर ड्रग्स आ रहा है। ड्रग्स की अच्छी तरह से पैकेजिंग की जाती है, फिर उसे ड्रोन में बांधकर भारत में गिराया जाता है। इसमें एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। पूरा कारोबार कोडवर्ड में चलता है। पंजाब के तस्कर इन इग्स को दोगुने दाम पर सप्लाई करते हैं। छत्तीसगढ़ में भी पिछले एक साल से ड्रग्स आ रहा है। पिछले दो माह में पंजाब के तस्कर लवजीत को 2800 बार पेमेंट किया गया है। यह पेमेंट एक करोड़ से ज्यादा की है। इसी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बढ़ी मात्रा में पाकिस्तानी इग्स छत्तीसगढ़ आ रहा है। जांच एजेंसियों से बचने के लिए चॉकलेट के रैपर, माचिस की डिब्बी, सिगरेट के रैपर, चाय की डिस्पोजल, दवाइयों की शीशी और कैप्सूल में डालकर ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है। आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि रायपुर क्राइम ब्रांच को पड़ताल के दौरान एक इनपुट मिला था। उसके बाद लंबी जांच की गई और तस्करों को पकड़ लिया गया। रायपुर के कमल विहार के एक मकान से ही ड्रग्स की सप्लाई होती थी। वहीं से ऑर्डर के अनुसार अलग-अलग तरह की पैकिंग कर ड्रग्स को सप्लाई किया जाता था। चाय वाला बनकर ट्रेन में चढ़ी पुलिस, 11 स्टेशन में लगाए एंबुश पुलिस ने पंजाब के मुख्य तस्कर लवजीत को पकड़ने के लिए दिल्ली से लेकर नागपुर तक जाल बिछाया था। कटनी, शहडोल, पेंड्रा, उसलापुर-बिलासपुर, भाठापारा, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया और नागपुर में 24 घंटे का एंबुश लगाया था। क्राइम ब्रांच की टीम सभी स्टेशन में सादी वर्दी में खड़ी रही। कोई चाय बेच रहा था तो कोई पानी की बोतल। जैसे ही लवजीत का पुख्ता लोकेशन मिला। पुलिस हमसफर एक्सप्रेस में चढ़ी और ट्रेन में ही उसे घेर दिया गया था, लेकिन पकड़ नहीं पाई। क्योंकि वह भिलाई स्टेशन में उतरा, जहां पहले से ही सुवित कार लेकर खड़ा हुआ था। वहां से दोनों कार में बैठकर रायपुर के कमल विहार पहुंच गए। क्राइम ब्रांच की टीम भी दोनों के पीछे-पीछे कमल विहार पहुंची और मकान घेरकर छापा मारा। यहां से लवजीत, सुवित और ड्राइवर अश्वनी को पकड़ा गया। तीनों से पूछताछ के बाद बाकी आरोपियों को पकड़ा गया। रायपुर में रहकर नेपाल का सिम चला रहा था सुवित पुलिस व जांच एजेंसियों से बचने के लिए लवजीत और सुवित दोनों वर्चुअल नंबर उपयोग कर रहे थे। दोनों नेपाल का सिम चला रहे थे और सिर्फ वाट्सएप कॉलिंग पर बातचीत करते थे। ऑर्डर भी ऑनलाइन लेते थे। लवजीत अपने साथी के खाते में पेमेंट लेता था। वहीं सुवित अपने ड्राइवर अश्वनी के खाते में पैसा लेता था। लोकेशन तय कर छोड़ते थे ड्रग्स, वीडियो भी बनाते थे ड्रग्स का ऑर्डर करने वालों को कभी भी उनके हाथ में पार्सल नहीं छोड़ा जाता था। जैसे ही ऑर्डर आता था, पहले पेमेंट लेते थे। फिर ड्रग्स लेकर एक बंदा शहर में निकलता था। गार्डन, होटल, बस स्टैंड, स्कूल-कॉलेज किसी भी जगह पर पार्सल को रखते फिर उसका फोटो-वीडियो बनाते। वहां का लोकेशन सुवित को भेजा जाता।