भास्कर न्यूज | उदयपुर ग्राम खपरी दरबार में बढ़ते अवैध शराब कारोबार और पुलिस संरक्षण की आशंका के बीच ग्रामीणों ने दो दिनों की तीन बैठकों के बाद सर्वसम्मति से पूर्ण शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया है। गांव में अब कच्ची महुआ शराब का निर्माण, विक्रय और सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। ग्रामीणों ने इस फैसले को सख्ती से लागू करने के लिए एक 14 सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया है। समिति को शराबबंदी पर निगरानी रखने, नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने, सूचना देने वालों को इनाम देने और बार-बार चेतावनी के बावजूद नियम तोड़ने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का अधिकार सौंपा गया है। समिति के सदस्य राजेश निषाद, लक्की नेताम, पन्नू यादव व दीनदयाल जंघेल ने बताया कि ग्राम में पूर्ण शराबबंदी का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। समिति पूरी प्रतिबद्धता के साथ ग्राम एवं प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई करेगी। समिति में ये होंगे सदस्य: ग्रामीणों की बैठक मंे शराब बंद के लिए गांव में निगरानी समिति का गठन किया गया है। जिसमें लक्ष्मण निषाद, दीनदयाल जंघेल, पन्नालाल साहू, नेहरू साहू, कामता बघेल, लक्की नेताम, सरपंच तोरण साहू, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि वीरेंद्र साहू, राजेश निषाद, राहुल साहू, पन्नू यादव, ध्रुव जंघेल, यादव राम जंघेल, अमीर जंघेल शामिल हैं। सूचना देने वालों को 5 हजार रुपए का इनाम अवैध शराब बेचने पर 20 हजार रुपए जुर्माना, शराब बेचने वालों की सूचना देने पर 5 हजार रुपए तक इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही चेतावनी के बावजूद शराब बेचने वालों का सामाजिक बहिष्कार, शराब बनाने, बेचने वालों को ग्रामीण खुद पकड़कर थाना पहुंचाएंगे। बैठक में ग्रामीणों ने थाना प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि कई शराब कारोबारी पुलिस से सेटिंग कर लेते हैं। अब ग्रामीण प्रशासन की मदद के बिना स्वयं संगठित होकर शराब के खिलाफ मोर्चा संभालेंगे।