हरियाणा के पर्वतारोही नरेंद्र यादव यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को तीसरी बार फतह करने जा रहे हैं। रूस में मौजूद माउंट एल्ब्रुस की ऊंचाई समुद्र तल से 18,510 फीट है। इस अभियान के लिए वे 6 अगस्त को भारत से रूस रवाना होंगे, जहां वे विश्व के अन्य पर्वतारोहियों के साथ जुड़ेंगे। खास बात ये है कि इस अंतरराष्ट्रीय टीम का नेतृत्व नरेंद्र ही करेंगे और 15 अगस्त यानी भारत की आजादी के दिन एल्ब्रुस की चोटी पर तिरंगा फहराएंगे। नरेंद्र अब तक माउंट एल्ब्रुस को साल 2017 और 2023 में फतह कर चुके हैं। तीसरी बार इस उपलब्धि को हासिल करते ही यादव सबसे अधिक बार माउंट एल्ब्रुस पर चढ़ने वाले पहले भारतीय बनेंगे, जो रिकॉर्ड होगा। मूल रूप से रेवाड़ी जिले के गांव नेहरूगढ़ के रहने वाले नरेंद्र यादव की मौसेरी बहन पद्मश्री संतोष यादव भी दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला हैं। नरेंद्र की यह उपलब्धियां इसलिए भी खास हैं, क्योंकि आज से 4 साल पहले पर्वतारोहण के दौरान फ्रॉस्टबाइट (एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर का कोई अंग अत्यधिक ठंड के कारण जम जाता है) का शिकार हो गए थे। डॉक्टरों ने उनके पैर काटने को कह दिया था। हालांकि, 2 साल उपचार चला, जिस कारण पैरों की अंगुलियां सीधी ही रहती हैं, मुड़ती नहीं। इसके बावजूद नरेंद्र सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां फतह करने वाले बन चुके हैं। जानिए नरेंद्र यादव के पर्वतारोही बनने का सफर… अब तक 5 करोड़ खर्च कर चुके और भविष्य की तैयारी… ——————— हरियाणा के पर्वतारोहियों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा की रीना स्नो लेपर्ड मिशन पर:7000 मीटर से ऊंची 5 चोटियों की चढ़ाई पर मिलती है उपाधि, पहली बाधा पार हरियाणा के हिसार के बालक गांव की रहने वाली पर्वतारोही रीना भट्टी स्नो लेपर्ड का खिताब जीतने के मिशन पर हैं। रीना ने 2 महीने पहले ही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर महज 20 घंटे 50 मिनट में चढ़ाई कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। अब रीना की नजर स्नो लेपर्ड के खिताब पर है। (पूरी खबर पढ़ें)