जब कुली का काम करते हुए रजनीकांत रो पड़े थे:सिर्फ 2 रुपए में उठाया दोस्त का सामान और ताना सुन आंसू छलक पड़े थे

साउथ सुपरस्टार रजनीकांत ने अपनी आने वाली फिल्म ‘कुली’ के ट्रेलर और ऑडियो लॉन्च इवेंट में अपने संघर्ष के दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे वह कुली के रूप में काम करते हुए जीवन में पहली बार रोये थे। रजनीकांत ने कहा कि जब मैं कुली था, तो मुझे कई बार डांट सुननी पड़ी। एक बार एक आदमी ने अपना सामान टेंपो में रखने के लिए मुझे 2 रुपए दिए। उसकी आवाज जानी-पहचानी लगी। वो मेरा कॉलेज का दोस्त था। मैं कॉलेज में उसे बहुत चिढ़ाता था। उसने कहा था कि तू क्या नौटंकी कर रहा है। वही पहली बार था जब मैं जिंदगी में रोया था। फिल्म ‘कुली’ में रजनीकांत के साथ नागार्जुन अक्किनेनी और श्रुति हासन भी अहम भूमिका में हैं। इवेंट में रजनीकांत ने नागार्जुन की हेयर लाइन की तारीफ की। रजनीकांत ने कहा कि मैंने शूटिंग के दौरान नागार्जुन को देखा, वो अब भी वैसे ही दिखते हैं। उनके बाल आज भी वैसे ही हैं। मेरे तो सारे बाल उड़ गए। मैंने पूछा, तुम्हारा राज क्या है? उन्होंने कहा कि एक्सरसाइज। रजनीकांत ने कॉलेज छोड़ने के बाद कई छोटे-मोटे काम किए बता दें कि रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उन्होंने अपनी जिंदगी की शुरुआत बहुत ही साधारण तरीके से की। कॉलेज छोड़ने के बाद उन्होंने बेंगलुरु में कुली, बढ़ई और ऑफिस बॉय जैसे छोटे-मोटे काम किए। बाद में उन्होंने बेंगलुरु ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर की नौकरी की, जहां उन्हें महीने के सिर्फ 750 रुपए मिलते थे। रजनीकांत काम के बाद थिएटर में नाटक करते थे। एक दोस्त राज बहादुर ने उन्हें मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लेने की सलाह दी। परिवार की नाराजगी के बावजूद रजनीकांत ने दाखिला लिया था। साल 1975 में के. बालाचंदर की फिल्म अपूर्वा रागंगल में रजनीकांत को पहला रोल मिला। ये छोटा रोल था, लेकिन उनकी दमदार मौजूदगी ने सभी का ध्यान खींचा। 1978 में फिल्म ‘भैरवी’ में उन्हें हीरो का रोल मिला, जिससे पहचान मिली। इसके बाद ‘बाशा’, ‘पदयप्पा’ और ‘शिवाजी द बॉस’ जैसी हिट फिल्मों ने रजनीकांत को दक्षिण भारत का सुपरस्टार बना दिया।

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