दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें अब तक होश नहीं आया है। वे लगातार लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। मंगलवार को भी उनके ऑपरेशन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। अब आज डॉक्टरों की एक बोर्ड बैठक होगी, जिसमें ऑपरेशन सहित आगे की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। ब्रेन स्ट्रोक के बाद गिरने से लगी थी गंभीर चोट रामदास सोरेन को बीते शनिवार सुबह ब्रेन स्ट्रोक आया था। इसके बाद वे अपने घर के बाथरूम में फिसलकर गिर गए, जिससे उनके मस्तिष्क में गंभीर चोट आई। तत्काल उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद एयर एम्बुलेंस के जरिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल भेजा गया। फिलहाल वे वहीं डॉक्टरों की सघन निगरानी में हैं। एप्निया टेस्ट से होगी मस्तिष्क की स्थिति स्पष्ट सूत्रों के अनुसार, सोमवार को उनका एप्निया टेस्ट होना था, लेकिन तकनीकी कारणों से यह नहीं हो सका। यह टेस्ट मंगलवार को किए जाने की संभावना थी, पर वह भी नहीं हो सकी है। एप्निया टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि मस्तिष्क किस हद तक सक्रिय है। जीवनरक्षक प्रणाली के सहारे के बिना शरीर कितनी प्रतिक्रिया दे सकता है। इस टेस्ट में मरीज की सांस कुछ समय के लिए रोकी जाती है और यह देखा जाता है कि बढ़े हुए कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर पर मस्तिष्क कैसे प्रतिक्रिया करता है। स्थिति स्थिर पर सुधार नहीं, डॉक्टरों की कड़ी निगरानी झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी शिक्षा मंत्री के साथ हैं। उन्होंने बताया कि रामदास सोरेन की हालत में फिलहाल कोई खास सुधार नहीं हुआ है, लेकिन स्थिति स्थिर है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें लगातार हर पहलू पर नजर रख रही हैं। डॉक्टरों की एक टीम के साथ इलाज को लेकर चर्चा चल रही है। इसके बाद ही आगे के इलाज की दिशा तय होगी। इधर, रामदास सोरेन की स्थिति को लेकर उनके परिवार के सदस्य और पार्टी के कार्यकर्ता गहरी चिंता में हैं। अस्पताल में लगातार लोग उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं।