चंडीगढ़ में बुजुर्गों को घर पर मिलेगा इलाज:5 सदस्यीय टीम ब्लड प्रेशर-डायबिटीज जांच करेगी, अस्पताल में हेल्प डेस्क और अटेंडेंट भी तैयार

चंडीगढ़ में हेल्थ विभाग अब 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों को उनके घर पर ही इलाज और जांच की सुविधा देगा। पहले चरण में 1,874 बुजुर्गों की पहचान की गई है, खासकर जो अकेले रहते हैं, चल फिर नहीं पाते, दिव्यांग हैं या बिस्तर पर पड़े हैं। हेल्थ निदेशक डॉ. सुमन सिंह के मुताबिक, एक 5 सदस्यीय टीम जिसमें डॉक्टर, स्टाफ नर्स, अटेंडेंट और एम्बुलेंस सेवा शामिल है जो बुजुर्गों के घर जाएगी। ये टीम ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों की जांच करेगी और जरूरत होने पर मरीज को जी.एम.एस.एच.-16 अस्पताल में भर्ती कराएगी। डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि यह योजना बुजुर्गों को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से राहत देगी। जो बुजुर्ग अस्पताल नहीं जा पाते, वे अब घर बैठे इलाज करवा सकेंगे और स्वास्थ्य टीम से बेहतर जुड़ाव भी महसूस करेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के मुख्य पॉइंट
पहले चरण में 1,874 बुजुर्गों की पहचान की गई है, जिसमें 80 साल से ऊपर के लोगों को प्राथमिकता दी गई है और बाद में 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को भी शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत डॉक्टर, नर्स, अटेंडेंट और एम्बुलेंस सेवा वाली 5 सदस्यीय टीम घर-घर जाकर नियमित स्वास्थ्य जांच और इलाज करेगी, साथ ही जरूरत पड़ने पर मरीजों को सीधे जी.एम.एस.एच.-16 अस्पताल में भर्ती कराने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।​​​​​ अस्पताल में भी नए इंतजाम
विभाग ने अस्पतालों में भी बुजुर्गों और गंभीर मरीजों के लिए खास सुविधाओं की तैयारी की है। ओ.पी.डी., स्त्री रोग विभाग और इमरजेंसी वार्ड में विशेष हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। इसके साथ ही ऐसे मरीज जो बिना किसी परिजन के आते हैं, उनकी मदद के लिए छह देखभाल करने वाले अटेंडेंट तैनात किए जाएंगे।

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