छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सिंधी समाज ने पहली बार सामूहिक तीजड़ी मेहंदी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 400 से अधिक महिलाओं ने अपने हाथों पर पति के नाम की मेहंदी लगवाई। सिंध शक्ति महिला संगठन और पूज्य सिंधी पंचायत दोनों ने मिलकर यह कार्यक्रम सिंधी धर्मशाला आमापारा में आयोजित किया था। समाज की महिलाओं ने न केवल सामूहिक रूप से मेहंदी लगवाई बल्कि झूला झूलकर भी उत्सव मनाया। सामूहिक रूप से महिलाओं ने लगाई मेंहदी सिंधी समाज की अध्यक्ष पार्वती वाधवानी ने बताया कि तिजड़ी की सुनहरी मेहंदी का यह जिला स्तर पर पहला कार्यक्रम है। मेहंदी को सौभाग्य, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। तिजड़ी के अवसर पर सिंधी समाज की महिलाएं और कुंवारी लड़कियां उपवास रखती हैं। कार्यक्रम में 400 महिलाओं और युवतियों ने मेहंदी लगवाने के लिए पंजीयन कराया था। मेहंदी लगाने के लिए सिंधी समाज की महिलाओं और युवतियों की भारी भीड़ देखी गई। युवतियों ने सामूहिक रूप से समाज की महिलाओं को मेहंदी लगाई। समाज में पहली बार ऐसा आयोजन मेंहदी लगवाने आई महिलाओं ने बताया कि उनके समाज में यह पहली बार ऐसा आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले वे पैसे देकर घर पर मेंहदी लगवाती थीं। तिजड़ी सुहागिन महिलाओं का त्योहार है जिसे कुंवारी युवतियां भी मनाती हैं। महिलाओं ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि तीज के दिन वे उपवास रखती हैं और शाम को चांद को देखकर अर्घ्य देती हैं। समाज द्वारा किए गए इस पहल से सभी महिलाएं उत्साहित नजर आईं।