भास्कर न्यूज | लुधियाना गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी के वन हेल्थ सेंटर के निदेशक डॉ. जसबीर बेदी ने गर्मी की लहर के जोखिम को कम करना विषय पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पशुधन में हीट स्ट्रेस और वन हेल्थ पर दो विशेषज्ञ व्याख्यान दिए। यह कार्यक्रम महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान, चंडीगढ़ के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन केंद्र, पंजाब सरकार द्वारा आयोजित किया गया। डॉ. बेदी ने वन हेल्थ के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, पशुधन में हीट स्ट्रेस न्यूनीकरण और जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने पंजाब में चल रही प्रमुख पहलों जैसे राज्य स्तरीय पशु-से-मानव रोग नियंत्रण समिति, रेबीज नियंत्रण समिति और राष्ट्रीय रोगाणुरोधी प्रतिरोध नीति की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, जूनोटिक बीमारियां और रोगाणुरोधी प्रतिरोध परस्पर जुड़े खतरे हैं, जिनसे निपटने के लिए पशु चिकित्सा, चिकित्सा, पर्यावरण और प्रशासनिक क्षेत्रों के बीच समन्वित कार्रवाई आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन केंद्र के प्रभारी ने की। इस अवसर पर सरकारी अधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण पर बल दिया गया, ताकि हीट वेव के जोखिम को स्थायी और समन्वित रूप से प्रबंधित किया जा सके। कार्यक्रम ने वन हेल्थ लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पंजाब की संस्थागत प्रतिबद्धता को मजबूत किया।