केंद्र सरकार ने अमेरिका के टैरिफ का जवाब देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। इसे ‘जीएसटी 2.0 या नेक्स्ट जेन जीएसटी’ नाम दिया है। इसका ऐलान शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले किया। उन्होंने इसे दिवाली गिफ्ट कहा। इसके मुताबिक अभी जीएसटी में 4 टैक्स स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% हैं। सुधार के बाद दो स्लैब 5% और 18% ही रहेंगे। इससे 12% जीएसटी के दायरे में आने वाली मक्खन, फ्रूट जूस, ड्राय फ्रूट्स जैसी 99% वस्तुएं 5% के दायरे में आ जाएंगी। सीधे तौर पर कहें तो ये वस्तुएं 7% सस्ती हो जाएंगी। ऐसे ही 28% टैक्स के दायरे में आने वाली सीमेंट, एसी, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी 90% वस्तुएं 18% के स्लैब में आ जाएंगी। यानी 10% तक सस्ती। सरकार ने टैक्स रेट में स्थिरता लाने और इनपुट टैक्स क्रेडिट के जटिल सिस्टम को आसान बनाने के लिए यह कदम उठाया है। 2047 में एक समान टैक्स स्लैब होगा
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 2047 में एक समान टैक्स स्लैब होगा। इस दिशा में दो स्लैब लाना पहला कदम है। सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म का यह प्रस्ताव राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह को भेजा है। समूह इस पर अध्ययन करेगा। फिर इसे जीएसटी काउंसिल की सितंबर में होने वाली बैठक में रखेगा। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में स्पष्ट किया है कि जीएसटी सुधारों के तीन बड़े आधार होंगे। पहला, स्ट्रक्चरल सुधार। इसमें टैक्स ढांचे को और बेहतर किया जाएगा। दूसरा, टैक्स दरों को तर्कसंगत बनाना, ताकि जरूरी चीजें सस्ती हो सकें। तीसरा, नए रजिस्ट्रेशन, रिफंड को आसान बनाना। इससे इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स में संतुलन आएगा और इनपुट टैक्स क्रेडिट का जमा होना कम होगा। 40 हजार का फ्रिज 4 हजार तो 80 हजार की टीवी 8 हजार तक सस्ती होगी
जीएसटी के दायरे में अभी 10 लाख से ज्यादा वस्तुएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को समझें तो नए सुधारों का सीधे तौर पर आमजन को फायदा होगा। 350 रुपए की सीमेंट की बोरी 28 रुपए, 80 हजार की टीवी 8 हजार, 40 हजार का फ्रिज 4 हजार और 1000 रुपए किलो वाली मिठाई 70 रुपए तक सस्ती होगी। ये सस्ते: इन पर टैक्स 12% से 5% होगा
सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथ पाउडर, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल, सामान्य एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर दवाएं, प्रोसेस्ड फूड, स्नैक्स, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, कुछ मोबाइल, कुछ कंप्यूटर, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर, बिना बिजली वाले पानी के फिल्टर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर, 1000 रुपए से ज्यादा के रेडीमेड कपड़े, 500-1000 रुपए की रेंज वाले जूते, ज्यादातर वैक्सीन, एचआईवी/टीबी डायग्नोस्टिक किट, साइकिल, बर्तन, ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, ग्लोब, ग्लेज्ड टाइल्स, प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग, वेंडिंग मशीन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन, कृषि मशीनरी, सोलर वॉटर हीटर। इन पर टैक्स 28% से 18% होगा
सीमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट, चॉकलेट, रेडी-मिक्स कंक्रीट, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, डिशवॉशर, निजी विमान, प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट, चीनी सिरप, कॉफी कॉन्सेंट्रेट, प्लास्टिक प्रोडक्ट, रबर टायर, एल्यूमिनियम फॉयल, टेम्पर्ड ग्लास, प्रिंटर, रेजर, मैनिक्योर किट, डेंटल फ्लॉस। सभी तरह के इंश्योरेंस का प्रीमियम घटेगा
अभी जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी है। इसे 5% कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इसे 0% भी कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय का कहना है कि टैक्स घटेगा तो ज्यादा से ज्यादा लोग बीमा कवर ले सकेंगे। आयकर रिटर्न जितना आसान जीएसटी रिफंड
जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया पूरी बदल सकती है। इसके लिए आवेदन नहीं करना होगा। यह अपने आप जारी होगा। पंजीयन प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। यानी रिटर्न फाइलिंग में भी प्री-फिल्ड रिटर्न का इस्तेमाल होगा, जिससे गलतियां कम होंगी और मैनुअल काम घटेगा। रिटर्न फार्म में भी टैक्स देनदारी और कारोबार की जानकारी ऑनलाइन दिखेगी। टेक्सटाइल उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी
सरकार इनवर्टेड ड्यूटी सुधार करेगी। इससे कपड़े, जूते-चप्पल और फर्टिलाइजर सस्ते होंगे। अभी कपड़े के कच्चे माल पर 12% तो तैयार परिधानों पर 5% जीएसटी लगता है। रिफॉर्म के बाद दोनों पर यह 5% हो जाएगा। इससे टेक्सटाइल उद्योग की लागत घटेगी। ट्रंप टैरिफ से 10 अरब डॉलर का असर केवल टेक्सटाइल सेक्टर पर पड़ना है। नए रिफॉर्म से टैरिफ का असर कम हो जागा। इसी तरह फर्टिलाइजर में इनपुट पर टैक्स 18% से घटाकर 5% किया जा सकता है। इससे किसानों को फर्टिलाइजर खरीदना सस्ता होगा। कंपनसेशन सेस खत्म होगा
कंपनसेशन सेस अल्ट्रा लग्जरी वस्तुओं पर लगता है, जो 204% है। यह खत्म होगा। इसकी जगह लग्जरी, हानिकारक सामान, तंबाकू, ऑनलाइन गेमिंग पर 40% की विशेष दर लागू होगी।