कबीरधाम जिले के बरबसपुर गांव में महज सातवीं कक्षा तक पढ़े किसान पुन्नीराम भट्ट पूरे इलाके के किसानों के लिए प्रेरणा बने हैं। उन्होंने आधा एकड़ जमीन पर खेती के साथ शुरुआत की थी और आज 17 एकड़ में सब्जी, गन्ना सहित अन्य फसलें उगा रहे हैं। खेती से हर साल 17 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं और अनेक लोगों को रोजगार दे रखा है। किसान पुन्नीराम ने बताया, वर्ष 2000 में मेरे पास केवल आधा एकड़ जमीन थी। यानी लगभग 2100 वर्गफीट। केवल सातवीं कक्षा पास था और दूसरे काम का अनुभव नहीं होने के कारण आसानी से नौकरी मिलना मुश्किल लग रहा था। ऐसे में खेती में ही आगे बढ़ने की ठानी। नेवारी गांव में आधा एकड़ में सब्जी की खेती शुरू की। तब पानी की कमी सबसे बड़ी चुनौती थी। एक मित्र ने मेरे खेत में बोर कराया लेकिन पानी नहीं निकला। फिर दूसरी जगह बोर किया और पानी मिला, उसके बाद सब्जी की बुवाई की। पहले साल केवल 20 हजार रुपए का मुनाफा हुआ लेकिन इस राशि से खेत के पास 20 डिसमिल जमीन खरीदी। उसमें भी सब्जी उगाई। इस बीच कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से लगातार संपर्क करता रहा और आधुनिक खेती अपनाई। स्प्रिंकल सिस्टम लगवाया। इससे कम पानी में ज्यादा पैदावार का रास्ता खुला। खेत की मेड़ पर भी फसलें उगाई। पुन्नीराम ने बताया, कबीरधाम जिले में मिश्रित खेती की तकनीक के बारे में ज्यादातर किसानों को जानकारी नहीं थी। लेकिन मैंने यह तकनीक अपनाने की पहल की। इसके तहत पहले खेत में अरहर लगाया और कुछ दूरी में भुट्टा लगाया। एक एकड़ में अरहर से 60 हजार रुपए और भुट्टा से लगभग 40 हजार रुपए की कमाई हुई। इसके बाद गोभी व खरबूजा लगाया। इससे एक एकड़ में ही डेढ़ लाख की शुद्ध कमाई हुई। हर साल मुनाफा बढ़ता गया तो धीरे-धीरे 10 एकड़ जमीन खरीदी। साथ ही 7 एकड़ जमीन लीज पर भी ली। शुरुआत में सब्जी बेचने खुद कवर्धा जाता और सड़क किनारे बैठता था। अब व्यापारी खुद खेत पर आकर सब्जी का सौदा करते हैं। खेती के दम पर 25 लोगों को रोजगार दिया है। ऐसे में कवर्धा सहित आसपास के इलाके से किसान मिश्रित खेती के गुर सीखने आते हैं।