रांची यूनिवर्सिटी एक बार फिर सवालों के घेरे में:स्नातक फोर्थ सेमेस्टर की भूगोल की कॉपियां गायब, सत्र नियमित करने को लेकर चल रहा धरना-प्रदर्शन

रांची यूनिवर्सिटी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। यहां सत्र नियमित करने को लेकर धरना-प्रदर्शन चल रहा है। इसी बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। स्नातक फोर्थ सेमेस्टर (सत्र 2022-26) की भूगोल की कॉपियां गायब हो गई हैं। अप्रैल 2025 में हुई इस परीक्षा की कॉपियों को मूल्यांकन के लिए हजारीबाग भेजा गया था, ताकि जल्दी परिणाम जारी किया जा सके। हजारीबाग से अन्य विषय की उत्तर पुस्तिकाएं तो मूल्यांकन के बाद वापस आ गई, लेकिन इसमें भूगोल की कॉपियों का बंडल गायब था। मूल्यांकन करने वालों से संपर्क किया गया तो बताया गया कि सभी कॉपियां विश्वविद्यालय को वापस भेज दी गई है। इसके बाद पिछले एक सप्ताह से कॉपियों की तलाश चल रही है। गौरतलब है कि यह रिजल्ट दो माह पहले ही आ जाना चाहिए था। लेकिन अब यह पेंच फंसने के बाद रिजल्ट में और देरी होने की संभावना है। कॉपियों के बाहर मूल्यांकन की यह है प्रक्रिया दूसरी जगह कॉपियों की जांच लाइजन अफसर के माध्यम से होती है। उदाहरण के लिए रांची विश्वविद्यालय का स्टाफ हजारीबाग में नियुक्त लाइजन अफसर को कॉपी सौंपता है। लाइजन अफसर कॉपियों की जांच कराने के बाद विवि के स्टाफ को सौंप देता है। फिर इसे विवि की आउटसोर्सिंग एजेंसी के पास जमा कराया जाता है। यह एजेंसी कॉपियों में दिए गए अंकों की एंट्री करती है। इसके बाद विषय विशेषज्ञ जांच करते हैं। फिर रिजल्ट तैयार किया जाता है। पहले से ही 11 महीने लेट चल रहा है सत्र कॉपियां गायब होना सिर्फ लापरवाही नहीं है, बल्कि उन हजारों छात्रों के सपनों पर कुठाराघात है, जिन्हें स्नातक की डिग्री जून में ही मिल जानी चाहिए थी। सत्र पहले से ही 11 महीने लेट चल रहा है। अब कॉपी गायब होने से इसके और लेट होने की संभावना बन गई है। अगर जल्दी ही इस समस्या का समाधान नहीं निकला तो स्टूडेंट्स को पीजी या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने में दिक्कत आएगी। इसका सीधा असर उनके करियर पर पड़ेगा। आगे क्या… विश्वविद्यालय के पास तीन विकल्प 1 कॉपियों की खोज : सबसे पहला और आदर्श विकल्प यही है कि गुम हुई उत्तर पुस्तिकाएं मिल जाएं। यदि ऐसा होता है तो समस्या का स्वतः समाधान हो जाएगा। 2 फिर से परीक्षा: अगर कॉपियां नहीं मिलती हैं तो संबंधित विषय की फिर परीक्षा ली जा सकती है। हालांकि यह छात्रों के लिए एक बड़ा मानसिक और शैक्षणिक बोझ होगा। 3 औसत अंक देना: एक अन्य विकल्प यह है कि जिन छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं गुम हुई हैं, उन्हें अन्य विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर औसत अंक दे दिए जाएं। कुछ कॉपियों का नहीं हुआ मूल्यांकन रांची यूनिवर्सिटी में भूगोल विषय की उत्तर पुस्तिका गायब होने की जानकारी नहीं मिली है। मुझे बताया गया है कि कुछ विषय की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हुआ है, जिसके कारण रिजल्ट लंबित है। -संजय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक आरयू

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