कोडरमा सदर अस्पताल में मरीज की मौत; हंगामा:नवादा से सर्दी-बुखार का इलाज कराने आया था, गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप

कोडरमा के सदर अस्पताल में शुक्रवार को एक मामूली बीमारी के मरीज की मौत के बाद हड़कंप मच गया। बिहार के नवादा जिले के हरदिया निवासी सुरेश मांझी को सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत थी। सुबह करीब 11 बजे उनकी पत्नी उन्हें सदर अस्पताल लेकर पहुंचीं। चिकित्सकों ने उन्हें भर्ती करने की सलाह दी, लेकिन भर्ती होने के बाद किसी डॉक्टर या नर्स ने उनकी सुध नहीं ली। इंजेक्शन लगने के बाद मौत शाम होते-होते मरीज की हालत बिगड़ने लगी। परिजनों ने इमरजेंसी में मदद की गुहार लगाई। इस पर एक एएनएम मौके पर आई और उसने सुरेश को इंजेक्शन लगाया। परिजनों के अनुसार, इंजेक्शन लगने के महज पांच मिनट बाद ही सुरेश की मौत हो गई। इसके बाद परिजन एएनएम को खोजने लगे, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उसे वहां से हटा दिया। इससे गुस्साए परिजन और अन्य मरीजों के परिजन भड़क गए और अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे। रातभर चला विरोध, सुबह शव बाहर किया गया हंगामा पूरी रात चलता रहा। आखिरकार सुबह करीब 4 बजे अस्पताल कर्मियों ने मृतक का शव बाहर कर दिया और कहा कि हंगामा करने से कुछ हासिल नहीं होगा। निराश परिजन शव लेकर अपने घर लौट गए। मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि सदर अस्पताल के डॉक्टर और नर्स अक्सर कहते हैं कि अगर यहां इलाज नहीं कराना है तो दूसरे अस्पताल चले जाएं। बार-बार उठ रही लापरवाही की शिकायतें सदर अस्पताल में लापरवाही की शिकायतें नई नहीं हैं। करीब एक माह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री इरफ़ान अंसारी के दौरे के दौरान भी लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्था की ओर उनका ध्यान आकर्षित कराया था, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। दो दिन पूर्व कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ईश्वर आनंद ने सदर अस्पताल बचाओ संघर्ष समिति के गठन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए गंभीर है, लेकिन विभागीय लापरवाही से व्यवस्था चौपट हो गई है। इसी मुद्दे को लेकर वे आज से धरने पर बैठने वाले हैं।

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