यह सिर्फ अभिभाषण नहीं, सरकार का श्वेत पत्र; शिक्षा-रोजगार हमारी प्राथमिकता: हेमंत ​

झारखंड विधानसभा का सत्र गुरुवार को खत्म हो गया। अंतिम दिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा-यह अभिभाषण नहीं, बल्कि राज्य सरकार का श्वेत पत्र है। इसमें स्पष्ट है कि सरकार राज्य के लिए क्या करना चाहती है। किस दिशा में ले जाना चाहती है। यह अभिभाषण पहले के राज्यपालों द्वारा पढ़े गए अभिभाषणों में सबसे छोटा है और इसमें दूरदर्शिता दिखाई गई है। इस दौरान हेमंत ने अपनी सरकार की प्रतिबद्धता बताई। पिछली सरकार को आईना दिखाया और अपनी पीड़ा भी बताई। उन्होंने विपक्ष से विकास कार्यों में सहयोग भी मांगा। उन्होंने कहा कि हमने जिस तत्परता से पहले काम किया, इस बार भी ऐसा ही करेंगे। क्योंकि जब तक गांव का विकास नहीं होगा, तब तक राज्य का भी विकास नहीं हो सकता। झारखंड संघर्ष की उपज है। खून से सींचा गया राज्य है। हमारा लक्ष्य साफ है-हर वर्ग के सपने को पूरा करेंगे। इसे पूरा करने की नींव 2019 में डाली थी। अब इस पर बिल्डिंग खड़ी करेंगे। जमीनी स्तर पर इसकी तैयारी हो रही है। सभी लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और रोजगार का अवसर मिलेगा। सभी क्षेत्रों में युद्धस्तर पर काम किया जाएगा। यही हमारे सरकार की प्राथमिकता है। 11697.45 करोड़ रुपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पास गुरुवार को 11697.45 करोड़ रुपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित हो गया। विपक्ष के बहिष्कार के बीच ध्वनि मत से द्वितीय अनुपूरक पास हुआ। इसमें सबसे अधिक मंईयां सम्मान योजना के लिए महिला बाल विकास सुरक्षा विभाग के लिए 6,390.55 करोड़ और ऊर्जा विभाग के लिए 2,577.92 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। दिखाया आईना: भाजपा सरकार में लोग भात-भात कर मर गए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 से 2019 तक इस राज्य को दलदल में धकेलने का प्रयास किया गया। इससे उबरने में वर्षों लग जाएंगे। यह स्थिति भाजपा के लंबे शासनकाल में बनी। उस समय यहां हाथ में राशन कार्ड लेकर लोग भात-भात कर मर गए। किसानों ने आत्महत्या की। वर्ष 2019 में महागठबंधन की सरकार बनी तो इन्होंने सरकार गिराने के लिए हर हथकंडे अपनाए। अलग राज्य बनने के बाद किसी वर्ग के चेहरे पर खुशी नहीं थी। जनता, कर्मचारी, सभी डरे-सहमे थे। हमारी सरकार बनने के बाद लोग ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत करने आए। आज दोबारा सरकार को इस मुकाम पर पहुंचाने में लोगों की अहम भूमिका है। राज्य में अगर परिवर्तन दिखा है तो वह 2019 के बाद दिखा है। हमने सबसे बेहतर श्रम कानून बनाया। रांची शहर को नया आयाम दिया। इसे और तेजी से बढ़ाएंगे। बताई पीड़ा…राज्य में टाटा जैसी कंपनी, फिर भी यहां पलायन आैर बेरोजगारी मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का स​बसे पिछड़ा राज्य है। यहां सबसे अधिक आदिवासी, दलित, पिछड़ा, मजदूर और किसान रहते हैं। यहां टाटा-बिरला जैसे कई उद्योग लगे। राज्य में टाटा जैसी कंपनी भी है। इसके बावजूद यहां के लोग भूमिहीन, विस्थापित, बेरोजगार हैं। पलायन कर रहे हैं। यह समझ से परे है कि राज्य को कौन सा अभिशाप लगा है। यह गंभीर विषय है। इसी पीड़ा को लेकर शिबू सोरेन, निर्मल महतो जैसी विभूतियों ने अलग राज्य की परिकल्पना की। प्रदीप कांग्रेस विधायक दल के नेता बने, मथुरा झामुमो के मुख्य सचेतक विकास कार्यों के लिए विपक्ष से भी मांगा सहयोग किया दावा: हमारा लक्ष्य साफ-सभी के सपने पूरे करेंगे हेमंत ने कहा- विपक्ष के लोग कहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड के अलग राज्य बनने पर मुहर लगाई। यह सही है। वे प्रधानमंत्री थे। लेकिन गरीब-गुरबों को उनके दरवाजे पर जाकर कोई अधिकार नहीं देता। इसके लिए वर्षों लड़ाई लड़ी और असंभव को संभव कर दिखाया। इस पीड़ा को हमलोगों से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता। हमारा लक्ष्य साफ है-हर वर्ग के सपने को पूरा करेंगे। यह मंत्रालय से नहीं, गांव-देहात से चलने वाली सरकार है। जब तक यहां के आदिवासी आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक राज्य को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। कांग्रेस ने पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव को विधायक दल का नेता और खिजरी विधायक राजेश कच्छप को उप नेता मनोनीत किया है। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने गुरुवार को सदन में इसकी घोषणा की। वहीं कांग्रेस ने मुख्य सचेतक के लिए जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह का नाम भेजा है। इसी तरह झामुमो ने टुंडी विधायक मथुरा महतो को मुख्य सचेतक बनाया है।

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