वाराणसी के छितौना गांव में तीन महीने पहले ठाकुर-राजभर बिरादरी के बीच जमकर बवाल हुआ था। इसमें घायल छोटू राजभर की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। खेत में गाय घुसने को लेकर दोनों बिरादरी के लोगों ने एक-दूसरे को जमकर पीटा था। इसमें छोटू गंभीर रूप से घायल हुआ था। छोटू राजभर का बीएचयू हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने बताया कि गहरे घाव में हुए संक्रमण हो गया था। छोटू की मौत से छितौना गांव में तनाव है। इसे देखते हुए गांव और अस्पताल के आसपास भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात है। पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं। युवक का शव जैसे ही 2 बजे गांव पहुंचा, महिलाएं हंगामा करने लगीं। 50 लाख मुआवजे समेत सरकारी नौकरी देने की मांग की। परिवार वालो का कहना है कि जबतक डीएम नहीं आते हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस दौरान एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना पानी में भीगते हुए हाथ जोड़कर लोगों को मनाते दिखे। सूचना पर SDM सदर अमित कुमार भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिवार को आवास देने का आश्वासन दिया। पर अभी भी लोग आक्रोशित हैं और हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। ठाकुर-राजभर के झगड़े ने लिया सियासी रंग
ठाकुर-राजभर बिरादरी के बीच हुई मारपीट ने उस समय राजनीतिक रंग ले लिया था, जब यूपी सकार के मंत्री अनिल राजभर के हस्तक्षेप के बाद राजभर पक्ष की एफआईआर दर्ज हो गई, जबकि ठाकुर पक्ष की रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इसके बाद बीजेपी के कई क्षत्रिय नेता व करणी सेना, ठाकुर पक्ष से कूद पड़ी थी। उधर, कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर इस मामले को लेकर लखनऊ में डीजीपी के पास पहुंचे थे। इसके बाद डीजीपी के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने SIT का गठन किया था। इस मामले में लापरवाही बरतने पर चौबेपुर थाना प्रभारी रविकांत मलिक को भी लाइन हाजिर किया गया था। पहले घटना वाले दिन की 3 तस्वीरें देखिए 5 जुलाई को क्या हुआ, ये जानिए संजय के खेत में गाय घुसने से मारपीट तक पहुंचा मामला
5 जुलाई, 2025 को चौबेपुर इलाके के गांव छितौना में रहने वाले संजय सिंह के खेत में एक गाय घुस गई। उन्होंने गाय को भगाया, तो गाय बगल के राजभर बिरादरी के लोगों के खेत में घुस गई और फसल चरने लगी। राजभर लोगों ने इस गाय को भगाया, तो गाय एक बार फिर संजय सिंह के खेत में घुस गई। संजय को लगा कि राजभर बिरादरी के लोगों ने यह सब जानबूझकर किया है। इसके बाद दोनों तरफ से लोग जुट गए। कहासुनी होने लगी। देखते ही देखते दोनों पक्ष मारपीट करने लगे। तलवार, लाठी-डंडे से एक दूसरे पर टूट पड़ा दोनों पक्ष
आरोप है कि संजय सिंह और उनके बेटे अनुराग सिंह ने राजभर बिरादरी के लोगों पर तलवार से हमला बोल दिया। दोनों तरफ से लाठी-डंडे चलने लगे। गांव के लोगों ने चौबेपुर थाने में इस मारपीट की जानकारी दी। पुलिस पहुंची और संजय, अनुराग को पकड़कर अपनी जीप में बैठा लिया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि राजभर बिरादरी के लोग हमले से काफी गुस्से में थे। उन्होंने संजय सिंह, अनुराग को पुलिस जीप से खींच लिया और पीटना शुरू कर दिया। किसी तरह पुलिस ने बचाया। इस मारपीट में छोटू राजभर, संजय सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। इसमें राजभर पक्ष से छोटू राजभर की हालत गंभीर थी। घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। राजभर पक्ष की ओर से दर्ज हुआ केस
रोजगार एवं श्रम मंत्री अनिल राजभर घायलों से मिलने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे। यूपी सरकार के मंत्री अनिल राजभर के निर्देश पर राजभर पक्ष की ओर से भी एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन दूसरे पक्ष यानी ठाकुर बिरादरी का एफआईआर दर्ज नहीं की गई। संजय और उनके परिवार के सपोर्ट में करणी सेना उतरी
ठाकुर पक्ष का एफआईआर दर्ज नहीं होने से करणी सेना मामले में कूद पड़ी। करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह समर्थकों के साथ थाने पहुंचे। आरोप लगाया कि मंत्री राजभर के दबाव के चलते पुलिस संजय सिंह पर हमला करने वालों के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर रही। करणी सेना के बाद भाजपा वाराणसी के पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश सिंह भी संजय सिंह और उनके परिजनों के समर्थन में खुलकर सामने आ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग पर्दे के पीछे से खेल रहे हैं। सरकार की छवि से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। जांच में जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया। 2 दिन के प्रदर्शन के बाद राजभर पक्ष पर FIR
एफआईआर दर्ज नहीं होने से बीजेपी नेता और क्षत्रिय संगठन प्रदर्शन करने लगे। दो दिनों तक धरना-प्रदर्शन से वाराणसी का राजनैतिक पारा चढ़ने लगा। मामला तूल पकड़ता देख पुलिस ने बीजेपी बूथ अध्यक्ष संजय सिंह के भाई दिग्पाल सिंह की तहरीर पर राजभर पक्ष के 7 लोगों पर FIR दर्ज की गई थी। आरोपियों में भोला राजभर, राम गुलाम राजभर, सुरेंद्र राजभर, राजेंद्र राजभर, रामाश्रय, महेंद्र राजभर और एक अज्ञात शामिल हैं। दिग्पाल ने बताया कि हमारी जमीन पर कब्जे की नियत से अनुराग, अमित और संजय सिंह पर हमला किया किया था। पुलिस की मौजूदगी में एम्बुलेंस वैन में भी घायल भाई संजय सिंह पर जानलेवा हमला किया। सुभासपा महासचिव डॉ. अरविंद राजभर ने जताया शोक
वाराणसी के छितौना कांड में घायल हुए छोटू राजभर की मौत पर सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव एवं पूर्व मंत्री डॉ. अरविंद राजभर ने दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि छोटू राजभर जी का असमय निधन अत्यंत दुःखद और पीड़ादायक है। यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की क्षति है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवार को यह असहनीय पीड़ा सहन करने की शक्ति प्रदान करें। डॉ. राजभर ने लिखा कि सुभासपा इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि शोकग्रस्त परिवार को शीघ्र उचित मुआवजा और सहायता प्रदान की जाए, ताकि उन्हें इस संकट की घड़ी में कुछ राहत मिल सके। अंत में जानिए पूरी घटना में अब तक क्या हुआ ——— ये खबर भी पढ़िए आगरा में दुर्गा विसर्जन कर रहे 15 लड़के डूबे:3 की लाश मिली, 12 की तलाश; डूबने का VIDEO सामने आया आगरा में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो अलग-अलग हादसों में 15 से अधिक युवक नदी में डूब गए। रेस्क्यू टीम ने 3 शवों को नदी से बरामद कर लिया है। गोताखोरों ने एक युवक को बचा लिया है। हालांकि, 12 लोग अभी भी लापता हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। पहली घटना खेरागढ़ की है। यहां 14 लोग डूबे थे। रेस्क्यू टीम ने तीन शवों को बरामद कर लिया है, लापता 10 लोगों की अभी तलाश जारी है। दूसरी घटना ताजगंज क्षेत्र के करभना गांव की है। यहां दो युवक नदी में लापता हैं। यहां पांच डूबे थे लेकिन तीन तैरकर किसी तरह बाहर निकल आए। इस घटना का लाइव वीडियो भी सामने आया है। दोनों घटनाएं गुरुवार की हैं। उधर, इस हादसे के बाद डीएम ने खेरागढ़ ब्लॉक के सभी स्कूलों को शुक्रवार को बंद रखने का आदेश दिया है। पूरी खबर पढ़िए