राजधानी रांची में सार्वजनिक शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम से मौखिक रूप से कहा कि अब शहर में बनाए जा रहे सभी शौचालयों का आकार पहले की तुलना में थोड़ा बड़ा होना चाहिए। साथ ही उनमें रोशनदान की भी समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि उपयोग करने वालों को असुविधा न हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि बनाए गए शौचालयों के उपयोग के प्रति लोगों में जागरूकता लाना आवश्यक है। सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि शहर में अब तक 243 शौचालय बनाए जा चुके हैं, जिनकी सफाई प्रतिदिन तीन बार की जाती है। साथ ही, शौचालय से जुड़ी शिकायतों के लिए शिकायत नंबर भी जारी किए गए हैं। नगर निगम ने कोर्ट को जानकारी दी कि खादगढ़ा बस स्टैंड में पुरुष एवं महिला दोनों के लिए शौचालय का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा नागाबाबा खटाल के पास समेत कई अन्य स्थानों पर भी नए शौचालय बनाए जा रहे हैं। कोर्ट ने रांची नगर निगम को शहर में निर्माणाधीन शौचालयों की अद्यतन स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को निर्धारित की। गौरतलब है कि समाचार पत्रों में खादगढ़ा बस स्टैंड में शौचालय नहीं होने से महिलाओं को हो रही परेशानी की खबर प्रकाशित हुई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।