गाजा जंग के 2 साल- 80% इमारतें, 90% स्कूल तबाह:65 हजार से ज्यादा मौतें; इनमें 18 हजार बच्चे शामिल

हमास के हमले से शुरू हुए गाजा युद्ध के आज दो साल पूरे हो गए हैं। लगातार बमबारी और जमीनी सैन्य कार्रवाई ने गाजा पट्टी को मलबे के ढेर में बदल दिया है। UN की सैटेलाइट रिपोर्ट के मुताबिक 80% इमारतें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। करीब 90% स्कूल खंडहर बन चुके हैं और 98.5% खेत उजड़ गए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। वहीं, लाखों फिलिस्तीनी टेंटों में रहने को मजबूर हैं- जहां न पानी है, न बिजली, न इलाज। गाजा अब सिर्फ दर-दर भटकते लोगों की मायूसी और मलबे का ढेर बनकर रह गया है। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल में घुसपैठ कीऔर करीब 251 लोगों को बंधक बना लिया। जवाब में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तुरंत जंग का ऐलान किया और हमास पर हमले शुरू कर दिए। हमास ने इसे ‘अल-अक्सा फ्लड’ (सैलाब जैसा जवाबी हमला) का नाम दिया, जबकि इजराइल ने इसे ‘सिमचत तोराह वॉर’ (यहूदी लोगों का एक त्योहार) कहा। 2 साल में 90% लोग बेघर हुए
गाजा के 23 लाख लोगों में से 90% लोग बेघर हैं। उत्तर और दक्षिण गाजा से भगाए गए लाखों लोग अब टेंटों में बिना पानी, बिजली और दवा के दिन गुजार रहे हैं। गाजा पट्टी का करीब 80% इलाका मिलिट्री जोन में है, जहां आम नागरिकों का प्रवेश वर्जित है। यूएन एजेंसियों के अनुसार आधे से ज्यादा लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं। अब तक 66,158 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, इनमें 18,430 बच्चे (लगभग 31%) शामिल हैं। गाजा में करीब 39,384 बच्चे सूचिबद्ध हैं जिनके माता या पिता में से कोई एक मारा गया है। वहीं, 17,000 फिलिस्तीनी बच्चे माता-पिता दोनों खो चुके हैं। राहत एजेंसियां कहती हैं- यह अब शहर नहीं, जिंदा बचे लोगों का कैंप मात्र है। गाजा में करीब 54 मिलियन टन मलबा, इसे हटाने में 10 साल लगेंगे
पिछले 2 साल से लगातार इजराइली बमबारी के बाद गाजा अब एक मलबे का शहर बन गया है। यूएन रिपोर्ट के मुताबिक 80% इमारतें तबाह हो गई हैं। जिनमें से आधी से ज्यादा पूरी तरह ढह गईं। इससे करीब 4.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। गाजा में इजराइली सेना के हमलों में तबाह हुई इमारतों का करीब 54 मिलियन टन से ज्यादा मलबा जमा है। विशेषज्ञ कहते हैं, इसे साफ करने में कम से कम 10 साल और 1.2 लाख करोड़ रुपए लगेंगे। इजराइल ने एक किलोमीटर गहरा बफर जोन और 4 सैन्य कॉरिडोर बना दिए हैं। इनमें सबसे बड़ा मोराग कॉरिडोर अब गाजा को दो हिस्सों में बांट चुका है। अब पहले वाला गाजा पुरानी बात हो गई है। अभी गाजा के 80% से ज्यादा हिस्से पर इजराइली सेना का कब्जा है। आम गाजा वासियों की आवाजाही सिर्फ 20% हिस्से में सीमित है। 90% स्कूल व 94% अस्पतालों और सभी विवि को नुकसान
गाजा में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों बर्बादी के निशान बन चुके हैं। हमले से पहले गाजा में 850 स्कूल थे, आज 90% स्कूल तबाह हो चुके हैं। गाजा में 10 यूनिवर्सिटी की 51 इमारतों में से एक भी इमारत चालू हालत में नहीं है। 30 हजार करोड़ का एजुकेशन इंफ्रा तबाह।
गाजा में 2 साल पहले 36 अस्पतालों में 3412 बेड थे। 94% अस्पतालों को नुकसान पहुंचा है। जिनमें से आधे बंद हैं। 19 अस्पलात आंशिक रूप से कार्यरत है। यहां सिर्फ 33% बेड की उपलब्ध है। करीब 40 हजार करोड़ रुपए का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है।
हाल ही में गाजा के अस्पतालों का दौरा करने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. रिख पीपरकॉर्न का कहना है कि स्कूलों की जगह अब टेंट हैं और अस्पतालों की जगह खामोशी है। यहां बच्चों के पास किताब नहीं, मरीजों के पास डॉक्टर नहीं है। जमीन में इतने विस्फोटक कि इसे उपजाऊ बनाने में 25 साल लगेंगे
कभी उपजाऊ रही गाजा की धरती इजराइली हवाई हमलों से अब बंजर हो गई है। करीब 98.5% खेत उजड़ चुके है। करीब 15,000 हेक्टेयर में से सिर्फ 232 हेक्टेयर ही खेती लायक बची है। इसके अलावा, 83% सिंचाई कुएं भी टूट चुके हैं।
बेतलहिया के किसान हानी शफाई का 65 करोड़ रुपए का स्ट्रॉबेरी फार्म अब सिर्फ राख है। उनका कहना है कि मेरे दादा के लगाए पेड़, मेरी बनाई ग्रीनहाउस, सब बुलडोजर से मिटा दिए गए। वे कहते हैं कि अब खेत नहीं, बस धूल और यादें हैं।
संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, गाजा में युद्ध के कारण मिट्टी में विस्फोटक रसायनों का स्तर 3 गुना तक बढ़ गया है। जमीन को दोबारा उपजाऊ बनाने में 25 साल लगेंगे। पीस प्लान पर वार्ता शुरू, नेतन्याहू से ट्रम्प ने कहा- ये जीत, स्वीकार करो
गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए इजराइल और हमास के बीच मिस्र में शांति वार्ता शुरू हो गई है। यह वार्ता ट्रम्प की 20 सूत्रीय प्लान पर आधारित है, जिसके तहत 20 इजराइली बंधकों के बदले 1,950 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और सीमित इजराइली वापसी का प्रस्ताव है। ट्रम्प ने नेतन्याहू को फोन पर फटकार लगाते हुए कहा, ‘तुम इतने नकारात्मक क्यों हो, यह एक जीत है, स्वीकार करो।’ दरअसल, नेतन्याहू की दक्षिणपंथी सहयोगी पार्टियां पीस प्लान के खिलाफ हैं। विपक्षी नेता याइर लापिड ने सरकार को समर्थन देने की पेशकश की ताकि शांति प्रक्रिया आगे बढ़ सके। इजराइल गाजा से पीछे हटने को तैयार इजराइल ने 4 सितंबर को गाजा से पीछे हटने के लिए शुरुआती सीमा रेखा (Initial Withdrawal Line) के लिए सहमति जताई है। ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इसकी जानकारी दी। ट्रम्प ने इजराइल की वापसी को दिखाते हुए एक मैप भी शेयर किया। इसने उन्होंने पीली लाइन के जरिए बताया की इजराइली सेना पहले चरण में वहां तक पीछे हटेगी। उन्होंने कहा, ये समझौता हमें 3 हजार साल पुराने संकट को खत्म करेगा। इससे पहले ट्रम्प ने हमास को शांति प्रस्ताव जल्द से जल्द मानने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर हमास ने लड़ाई जारी रखी तो उसके सभी विकल्प खत्म हो जाएंगे। ट्रम्प ने गाजा मैप में दिखाया कहां तक पीछे हटेगा इजराइल हमास हथियार छोड़ने को राजी नहीं हमास ने कहा कि गाजा का प्रशासन किसी फिलिस्तीनी समूह को सौंपने को तैयार है। इसका गठन फिलिस्तीन लोगों की सहमति और अरब-इस्लामिक देशों के समर्थन से किया जाएगा। हमास ने साफ किया है कि वह फिलिस्तीनी लोगों के भविष्य पर होने वाली चर्चा में शामिल होना चाहता है। संगठन ने कहा कि जनता के अधिकारों से जुड़े मुद्दे पर बहस हो। हमास के पोलित ब्यूरो मेंबर मूसा अबू मरजुक ने अल जजीरा से कहा कि जब तक गाजा पर इजराइली कब्जा खत्म नहीं हो जाता, वह हथियार नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि हथियार के मुद्दे पर एक बार फिर से बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम अपने हथियार भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य को सौंप देंगे और जो भी गाजा पर शासन करेगा, उसके हाथ में हमारे हथियार होंगे।’ ———————————— ये खबर भी पढ़ें… हमास गाजा पर कब्जा छोड़ेगा, बंधक रिहा होंगे: ट्रम्प की धमकी के बाद सीजफायर पर राजी; विरोध के एक दिन बाद पाकिस्तान सपोर्ट में आया अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की धमकी के 6 घंटे बाद हमास गाजा में सीजफायर को तैयार हो गया है। हमास ने शुक्रवार रात ऐलान किया कि वह ट्रम्प के प्लान में बताए गए फॉर्मूले के मुताबिक सभी जिंदा और मुर्दा बंदियों को रिहा करने को तैयार है। पूरी खबर पढ़ें…

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